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प्रयास करो तमासा मत देखो — ज्योति पांडेय

एक गांव में आग लगी थी, गांव के लोग अपनी जान बचाकर इधर उधर भाग रहे थे, और कुछ लोग दुर खड़े होकर तमासा देख रहे थे ऐ सब एक चीडीया देख रहीं थीं,। उसने अपने चोंच में पानी भर कर आग में डालना सुरु कर दी।जब गांव वालों ने देखा कि एक छोटी सी चीडीया प्रयास कर सकती हैं तो हम सब क्यों नहीं कर सकते सारे गांव वालों ने मीलकर पानी डालना सुरु कर दिया आग बुझ गई। ये बस एक कौआ देख रहा था उसने चीडीया से बोला तेरे बुझाने से आग बुझ जाता जो बुझाने चलीं थी ।
चीडीया बोली मेरे पानी डालने से भले कुछ ना हुआ हो पर हमें गर्व है कि जब भी आग बुझाने की बात होगी तो हमें भी लोग सामील करेंगे ना की तमासा देखने वालों में।।
ज्योति पांडेय संतकबीरनगर खलीलाबाद से