ईश्वर बड़ा है या सुरक्षा उपकरण // रामसेवक गुप्ता

आजकल, प्रायः देखने में आता है कि सभी धार्मिक स्थलों, बगीचों, पुस्तकालयों, अस्पतालों में यहां तक कि अपने प्रतिष्ठानों में जगह-जगह खुफिया एजेंसियों द्वारा कैमरे लगाकर निगरानी की जा रही है। ताकि लोगों को गलत कार्यों तथा चोरी करने से रोका जाए।।और लिखा भी होता है कि आप कैमरे की नजर में हैं सावधान हो जाइए।।
जबकि कोन मानता है कैमरे की निगरानी,जब लोग ईश्वर से नहीं डरते हैं तो कैमरा उनके लिए कुछ भी नहीं है,वह तो समस्त सुरक्षा को चूना लगाकर, चोरी करके रफूचक्कर हो जाते हैं और हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं। फिर कैमरे की रिकॉर्डिंग को खंगालते रहते हैं, और दोषारोपण सुरक्षाकर्मी को देते हैं।। हमेशा हमें सतर्कता बरतनी चाहिए,सारी जिम्मेदारी सुरक्षाकर्मियों और कैमरे पर फोकस नहीं करनी चाहिए।। हमें भगवान पर भी पूर्ण भरोसा करना चाहिए।।
इसी प्रकार बड़े वी आई पी सियासतदानों को भारी-भरकम हिफाजत का बंदोबस्त किया जाता है। घेरा बनाकर चहुंओर आम आदमियों को बेवजह रोक कर रास्ता खाली रखा जाता है, ताकि राजनेताओं और मंत्रियों को मार्ग में व्यवधान उत्पन्न न हो,भले आम आदमी बीमारी से पीड़ित हो, कोई परीक्षा देने दूर गंतव्य जा रहा हो,मगर उसे असुविधा हो जाए,मगर मजाल है कि मंत्री जी विलंब न होने पाएं।। क्यों कि सबको परमात्मा पर कतई विश्वास नहीं है,उनकी सुरक्षा व्यवस्था का दारोमदार सरकार और सुरक्षा एजेंसियों पर है, भगवान पर बिल्कुल यक़ीन नहीं है,चाहे करोड़ों रुपए देश के बर्बाद हो जाएं परन्तु आम आदमी को कोई राहत नहीं मिल सकती है, सभी सांसदों, विधायकों को पेंशन और अन्य भत्ते मिल सकते हैं मगर बेरोजगारी भत्ता किसी भी नौजवान, किसान मजदूर को नहीं दिया जाता है।।यही हमारे देश की विडंबना है कि राजनेताओं के हाथ में भारत का भविष्य है।
रामसेवक गुप्ता