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महिला दिवस // छाया खत्री

 

महिला इस देश की महत्वकिभूमिका हे। संपूर्ण सृष्टि का आधार नारी ही तो हे। बिना नारी का धर भी सुनसुना लगता हे। धर की हरकोई जिम्मेवारी नारी पर निर्धारित होती हे। नारी आज बहुत ऊंचे उड़ रही हे। नारी का सम्मान करना चाहिए। जिस धर में सम्मान होता हे उस घर संपूर्ण घर कहलाता हे।नारी का संपूर्ण जीवन खुदके निर्णय त्याग देती हे। नारी दो कुलकों तारदेती हे फिरभी अपना कोई धर नहीं होता हे। एक धर पिता का और दूसरा धर पति का।
अपना बताने को तो पूरी दुनिया होती हे परन्तु नारी खुद जानती हे कि अपना तो कुछभी नहीं हे।
बचपन में माता पिता की शिक्षा दे दी जाती हे और ससुराल में सास ससुर के अनुसार चलना पड़ता हे। फिरभी नारी हरएक भूमिका को सहज निभाती आई हे।
महिलाएं सम्मान के पात्र हे क्योंकि ,
नारी की हरएक भूमिका अलग अलग होती हे। बचपन निखालस, युवानी ताजगी सभर, और जीवन के अंतिम समय तक अपना निर्णय लेती हुई देखी हे। नारी ही जीवन का आधार हे। बिना नारी का जीवन की सोचना भी मुश्किल होता हे।
छाया खत्री, यात्री, विसनगर

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