शिक्षा संगम 2025: विद्यालयों में आत्मनिर्भरता का भी पाठ पढ़ाना चाहिए: स्वामी रामदेव -राज्यपाल, कृषि मंत्री, शिक्षा मंत्री ने की भी कार्यक्रम में शिरकत

जयपुर। भारतीय शिक्षा बोर्ड के तत्वावधान में स्कूल शिक्षा परिवार के सौजन्य से बुधवार को मानसरोवर स्थित दीप स्मृति सभागार में शिक्षा संगम- 2025 का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव थे। योग योग स्वामी रामदेव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, विधायक गोपाल शर्मा, भारतीय शिक्षा मंडल के अध्यक्ष एन.पी. सिंह, भारतीय शिक्षा बोर्ड के राजस्थान समन्वय कुलभूषण बैराठी, स्कूल शिक्षा परिवार के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
कार्यक्रम में गौमाया के फाउंडर डॉ. सीताराम गुप्ता, आइडिया माईन के राजीव खंडेलवाल सहित कई प्रसिद्ध शिक्षाविद, चिंतक एवं समाज सेवियों की गौरवमयी उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को अभिनव आयाम प्रदान किया। राज्यपाल कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। स्वामी रामदेव ने भारतीय संस्कृति, योग और आयुर्वेद को शिक्षा के अभिन्न अंग के रूप में अपनाने पर बल दिया। उन्होंने ने कहा कि आज का शिक्षा संगम इस बात का प्रतीक है कि भारत अपनी प्राचीन शिक्षा परंपराओं को आधुनिक युग से जोडऩे के लिए तत्पर है। हमारी शिक्षा केवल नौकरी पाने का माध्यम नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह जीवन जीने की कला सिखाए।
हमें बच्चों को केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि योग, आयुर्वेद, संस्कार और आत्मनिर्भरता का भी पाठ पढ़ाना चाहिए। गुरुकुल परंपरा में चरित्र निर्माण सर्वोपरि था। आज के विद्यार्थी को योग, ध्यान और राष्ट्रप्रेम के साथ आत्मबल भी मिलना चाहिए। तभी हम सच्चे अर्थों में विश्वगुरु भारत का सपना साकार कर सकेंगे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों और सुधारों को साझा किया और ग्रामीण क्षेत्रों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
ग्रामीण विकास मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास, नैतिकता और नेतृत्व क्षमता का विकास करना है।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न शैक्षिक विषयों पर संवाद, पैनल चर्चा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं। गईं।
स्कूल शिक्षा परिवार राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय भारतीय शिक्षा में संक्रांति काल है। यानी एक ऐसा परिवर्तनकारी काल जिसमें पुरानी परंपराओं और नई सोच का संगम हो रहा है। बीते दशकों तक हमारी शिक्षा प्रणाली अंग्रेज़ी ढांचे पर आधारित रही जहां रटंत विद्या और अंकों की होड़ ने सोचने और समझने की शक्ति को पीछे छोड़ दिया। लेकिन अब समय बदल रहा है। दुनिया भारतीय शिक्षा पद्धति का लोहा मान रही है।
शिक्षा संगम 2025 में अनेक शिक्षाविदों, विद्वानों, नीति निर्माताओं और प्रबुद्धजनों ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में पत्रकार कॉलोनी मानसरोवर स्थित एआईएस स्कूल के बच्चों एवं अभिभावकों ने अतिथियों से संवाद किया।