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जब मैं साइंस पार्क राजस्थान गयी — उर्मिला पाण्डेय ”उर्मि,, संस्मरण

माता सरस्वती जिसके ऊपर कृपा करतीं हैं उसका तो कहना ही क्या उसका मुखारविंद पर जो चमक प्रतिभा सौंदर्य आभा छटा होती है उसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता।
मैं राजस्थान कई बार जा चुकी हूं करौली मैया के दर्शन, बाबा बालाजी महाराज खाटू श्याम भीलवाड़ा जगपुरा आसींद तक रनजीत राना के यहां काव्यपाठ में जा चुकी हूं। बहुत आनंद आया। मैंने सोचा कि देखो माता शारदा ने मेरे ऊपर कितनी कृपा की जो मुझे इतने ऊंचे ऊंचे मंचों पर जाने का अवसर मिला है बस माता शारदा की कृपा और राधारानी का आशीर्वाद है बहुत खुशी हुई।
बात यहीं खत्म नहीं होती मेरा मन फिर भी राजस्थान जाने को तैयार था राधारानी ने मेरे मन की बात सुनी। जयपुर निवासी ललिता भोला जी जिनसे काव्य स्थली मंच जो जे पी शर्मा भैय्या चला रहे हैं उसी में ललिता जी से जान पहचान हुई। उन्होंने कवि सम्मेलन का आयोजन अपने पिता भोलानाथ की जयंती पर किया उन्होंने हमें बुलाया और पिता के ऊपर रचना हमसे तथा विनोद माहेश्वरी सरस्वती साधना परिषद के महासचिव दोनों ने रचना लिखी जो शब्द पुष्प में संग्रहीत है।
मैं और विनोद माहेश्वरी आशा माहेश्वरी तथा उनकी पुत्रवधू देवांशी माहेश्वरी दिनांक 12, अक्टूबर 2024,को रात के समय बस से जयपुर राजस्थान के लिए चले। सुबह सुबह करीब छः बजे हम सभी जयपुर पहुंचे वहां दुवे जी के यहां स्नान आदि करके तैयार होकर साइंस पार्क पार्क पहुंचे वहां इतना आनंद आया भैय्या जे पी शर्मा ललिता बहन सत्यरूपा तिवारी आदि से मिलकर मैं बता नहीं सकती ऐसा लगा मानो हम सभी पहले से ही परिचित हैं वो अपनापन वो खुशी उन सभी के मुख पर जो मेरे आने की प्रसन्नता जाहिर कर रही थी। यही होता है संसार में पता नहीं कब किन अच्छे महान व्यक्तियों से परिचय हो।यह एक ईश्वर की कृपा है।
“धन संपत्ति मिल जात है, सज्जन नाहिं अनेक।
मां बाणी की हो कृपा,सौ में होते एक।।”
बहुत अच्छा लगा उन पलों को में कभी भुला नहीं सकती जो मुझे भैय्या जेपी शर्मा और ललिता बहन सत्यरूपा तिवारी के द्वारा प्रेम व्यवहार मिला।
भैय्या जे पी शर्मा ने तो इस प्रकार मेरे पांव छुए मानो वह बहुत दिनों से बहन को जानते थे।बहन ललिता जी ने ऐसे गले लगाया जैसे खोई हुई बिछुड़ी हुईं कोई कीमती वस्तु मिली हो ललिता जी का वह व्यव्हार वह प्रेम में भुला नहीं सकती।
प्रेम भुलाया जात है,पर प्रियजन को नांय।
जहां प्रेम व्यवहार है, देव सभी हर सांय।।
उर्मिला पाण्डेय ”उर्मि,, कवयित्री मैनपुरी उत्तर प्रदेश।

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