अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस_ डॉ सरिता चौहान

आओ हम सब मिलकर करें एक प्रयास।
नियमित करें योगाभ्यास।।
योग निरोगी काया के लिए विधि विधान है।
ग्रन्थों में धर्म और चिकित्सा में विज्ञान है।।
स्वयं को स्वयं से मिलना है योग।
जीवन सुखमय कर दे तन को करे निरोग।।
स्वयं को जागृत करने की शक्ति देता है योग।
शरीर और आत्मा को एकाकार करता है योग।।
योग साधना है योग है शक्ति।
योग से होती है तन और मां की उन्नति।।
सदा निरोगी काया रखें जीवन में संकल्प लें।
सूर्योदय से पहले उठकर आधा घंटा योग करें।।।
श्वास- प्रश्वास की प्रक्रिया से हम ईश्वर से संयोग करें।
अपनी आत्मिक उन्नति हेतु आओ हम सब योग करें।।
स्वस्थ हमारा जीवन होगा तो सब कुछ अच्छा होगा।
योग कर्म के द्वारा जीवन को सक्रिय बनाना होगा।।
योग से आती है जीवन में सकारात्मक ता।
शरीर मन और आत्मा को जोड़ के घटा देती है नकारात्मकता।।
नैतिक आयाम व्यायाम आहार प्रत्याहार है योग।
आओ हम सब मिलकर इसे अपनायें जीवन करें निरोग।।
ईश्वर प्रदत्त साधन है योग।
साधक और साध्य के बीच की कड़ी है योग।।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाएं।
हम सब अपने जीवन में योग को अपनाएं।।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं के साथ—–
डॉ सरिता चौहान
प्रवक्ता हिंदी पीएम श्री एडी
राजकीय कन्या इंटर कॉलेज
गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।