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एक और मुसीबत — विनोद कुमार शर्मा

विकसित देशों की बदनीयती कहेंगे या कह सकते देश में पर्यावरण संरक्षण पर लचीलापन पहले से ही देश में पुराने कबाड़ पानी के जहाजों की डंपिंग हो रही थी जिनमें हानिकारक केमिकल और स्टील रिसायकलिंग में कार्बन उत्सर्जन हानिकारक गैसों से पर्यावरण प्रदुषित हो रहा था विदेशों में इनको समुद्र में डुबा देते जिसे उनकी सरकारों की अनुमति नहीं मिलती समुद्री जंतुओं को खतरा होता l
अब देश में पुराने देसी टायरों की रिसायकलिंग की अनुमति के नाम पर पायरोलिसिस (टायरों को जलाकर तेल निकालना) जारी है हालांकि देसी टायरों से अधिक दिक्कत नहीं वह अधिक घिस जाते और कैमिकल कम होते जबकि विदेशी टायरों को समय पर बदलने के कारण कम घिसे और कैमिकल युक्त होने से पर्यावरण को अधिक
हानि पहुंचाते l
तस्करी और अधिक मुनाफे के कारण इससे निकलने बाले तेल का उपयोग व्यवसायिक उपयोग से अच्छे दाम मिलते लेकिन भूमि औए जल और वायु प्रदुषित होकर पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव डालते l
विनोद कुमार शर्मा

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