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गोविंद देवजी मंदिर में साधना संकल्प गायत्री महायज्ञ रविवार को -एक वर्षीय गायत्री महामंत्र जप के लिए भरे जाएंगे संकल्प पत्र

 

जयपुर। वर्तमान राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में मानवता की रक्षा और आध्यात्मिक चेतना के जागरण के लिए गोविंद देवजी मंदिर से रविवार, 29 जुलाई को साधना अभियान का शुभारंभ किया जाएगा। इस उपलक्ष्य में सुबह आठ से दस बजे तक मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में पंच कुंडीय साधना संकल्प गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यज्ञ पूरी तरह निशुल्क होगा। किसी भी तरह के सामान लाने की आवश्यक्ता नहीं है। यज्ञ का संचालन गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के विद्वानों की टोली संपन्न कराएगी। यज्ञ के दौरान नए साधकों को एक वर्षीय गायत्री मंत्र जप अनुष्ठान से जोड़ा जाएगा, जिसमें वे प्रतिदिन स्वयं, परिवार एवं समाज के लिए तीन माला का जाप करेंगे। पुराने साधक प्रतिदिन 14 माला के हिसाब से वर्ष भर में 5 लाख गायत्री मंत्र के जप का संकल्प लेंगे। गोविंद देवजी मंदिर में कल लोगों से संकल्प पत्र भरवाए जाएंगे। किरण पथ मानसरोवर स्थित श्री वेदमाता वेदना निवारण केन्द्र में 20 जुलाई को सामूहिक संकल्प समारोह होगा। उस दिन 1100 से अधिक साधक यज्ञ की अग्नि की साक्षी में साधना का संकल्प लेंगे। यह कार्यक्रम शांतिकुंज हरिद्वार से आने वाली टोली संपन्न कराएगी।

मानव में देवत्व का जागरण है अभियान का उद्देश्य:

  1. गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि विचार क्रांति अभियान को घर-घर, गांव-गांव और नगर-नगर तक पहुंचाने के उद्देश्य से नवयुग सृजन साधना अभियान का एक वर्षीय संकल्पित सामूहिक जप अनुष्ठान प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत जन-जन में आत्म परिष्कार और वातावरण में दिव्यता की स्थापना के लिए प्रतिदिन 3 माला गायत्री महामंत्र के जप का आह्वान किया गया है। अभियान का उद्देश्य मानव में देवत्व का जागरण और धरती पर स्वर्ग का अवतरण है। वर्तमान समय की विषम परिस्थितियों, पारिवारिक तनाव, मानसिक अस्थिरता और सामाजिक अशांति के समाधान के लिए यह जप साधना अत्यंत प्रभावी सिद्ध होगी, ऐसी हमारी मान्यता है। यह प्रयास न केवल आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण करेगा, बल्कि पारिवारिक एवं सामाजिक समरसता को भी सुदृढ़ करेगा। इस अभियान में लाखों साधक जुड़ रहे हैं और एक विराट आत्मिक जागरण का सूत्रपात हो रहा है।
    *यह है अनुष्ठान की प्रक्रिया :*
    1.सुबह स्नान कर पवित्र भाव से आसन पर बैठे और उगते सूर्य का ध्यान करें। मंत्र जप करें।
    2.प्रतिदिन तीन माला गायत्री महामंत्र का जप करें।
    3.जप के बाद जल पात्र से सूर्य भगवान को अघ्र्य अर्पित करें।
    4. शाम को परिवार के सभी लोग सामूहिक रूप से चालीसा पाठ और आरती करें।
    5.अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम गायत्री शक्तिपीठ से संपर्क करें।

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