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श्रद्धा-विश्वास — महेन्द्र कुमार सिन्हा

भवानी शंकरौ वंदे श्रद्धा विश्वास रूपणो।
संत शिरोमणि तुलसी दास ने रामचरित मानस में माँ भवानी माता पार्वती को श्रद्धा और भगवान भोलेनाथ शिव शंकर को विश्वास के रूप में वंदना किया वर्णन किया है।शिव और शक्ति , श्रद्धा और विश्वास जिसके जीवन में है वह कभी भी पराजित नहीं होता है।मनुष्य के जीवन में मुश्किले तो बहुत आती है।पर श्रद्धावान व आत्म विश्वास से भरा व्यक्ति अपने हर लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। मुश्किल से मुश्किल वक्त आने पर अपना धीरज नहीं खोता है।उसे अपने ईष्ट देव पर पूर्ण श्रद्धा विश्वास होता है।आदिकाल से ही शिव- शक्ति की उपासना करते आर रहे है। माता पार्वती और पिता शिव है। माँ पार्वती ही श्रद्धा है ।शिव ही विश्वास है।