गायत्री सप्त क्रांति ट्रस्ट द्वारा विभिन्न स्थानों पर मनाया गया गुरू पूर्णिमा पर्व, साधकों ने लिया नशामुक्त समाज निर्माण का संकल्प

जयपुर। गायत्री सप्त क्रांति ट्रस्ट, जयपुर द्वारा गुरू पूर्णिमा पर्व के पावन अवसर पर मुरलीपुरा स्थित गायत्री कुंज, शास्त्री नगर प्रज्ञा मंडल, दुर्गापुरा गौशाला एवं मुण्डोता स्थित गौ अनुसंधान केंद्र पर श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में विविध आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस आयोजन की शुरुआत प्रातः 6 से 7 बजे तक हुए अखंड जप साधना से हुई, जहाँ साधकों ने पिछले 23 वर्षों से प्रज्ज्वलित अखंड दीपक के समक्ष गायत्री मंत्र का जप करते हुए गुरुचरणों में अपनी आस्था प्रकट की। इसके उपरांत प्रातः 7 से 10 बजे तक पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ सम्पन्न हुआ, जिसमें लगभग 150 गायत्री साधकों ने भाग लिया। यज्ञ के माध्यम से साधकों ने स्वयं के शुद्धिकरण एवं राष्ट्र व समाज की समृद्धि हेतु प्रार्थनाएँ कीं।
कार्यक्रम के दौरान नये साधकों को गुरु दीक्षा भी प्रदान की गई। इस अवसर पर गायत्री परिवार की सप्त-क्रांति योजना व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण और समाज निर्माण से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। वक्ताओं ने सद्गुरु की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि यह तन विष की बेलरी, गुरू अमृत की खान सद्गुरु का सान्निध्य ही जीवन को सार्थक बनाता है। परिजनों ने परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने, नशा मुक्त समाज की स्थापना तथा सेवा कार्यों में सक्रिय सहभागिता का संकल्प लिया। कार्यक्रम में आध्यात्मिक उन्नति, संस्कृति संवर्धन एवं सत्कर्मों की भावना जागृत करते हुए समर्पण भाव से यज्ञ समापन किया गया।
पूरे आयोजन में भक्ति, अनुशासन और सद्भाव का अद्भुत समन्वय देखने को मिला।