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जयपुर की शेरनी: शिक्षा जैन ने दर्द को दी शिकस्त, NCR कप U-15 में चैंपियन – U-23 में रनर-अप!

गोल्फ में नया सितारा, भारत को मिली असली ‘वॉरियर चैंपियन’ गुरुग्राम, 18 जुलाई 2025 (गोल्डन ग्रीन्स):

 

भारतीय गोल्फ में आज एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ा – नाम है शिक्षा जैन। महज 14 साल की उम्र, लेकिन जज्बा ऐसा कि बड़े-बड़े दिग्गज भी दांतों तले उंगली दबा लें। NCR कप 2025 के फाइनल राउंड में गंभीर चोट के बावजूद गर्ल्स अंडर-15 चैंपियन बनीं और अंडर-23 वर्ग में उपविजेता रहकर दोहरी उपलब्धि हासिल की।
चोट लगी, आंसू बहे… लेकिन कदम नहीं रुके
टूर्नामेंट के अंतिम दिन का खेल निर्णायक मोड़ पर था। एक अन्य खिलाड़ी के मिस-हिट ड्राइवर शॉट ने शिक्षा की टांग पर सीधा प्रहार किया। वह दर्द से जमीन पर गिर पड़ीं, आंखों में आंसू थे और चेहरे पर दर्द की लकीरें। चारों ओर सन्नाटा। लगा जैसे यह टूर्नामेंट यहीं खत्म हो जाएगा।
लेकिन यही वह पल था जिसने शिक्षा को बाकियों से अलग कर दिया। माँ  मेघा जैन ने जब बेटी की आंखों में देखा, तो वहां दर्द नहीं – सिर्फ सपना था, ओलंपिक का सपना। और फिर… शिक्षा ने आंसू पोंछे और कहा –
“मम्मी, मैं हार नहीं मान सकती। मुझे खेलना है।”
आखिरी राउंड में चैंपियन की तरह वापसी
दर्द को नजरअंदाज करते हुए शिक्षा ने आखिरी राउंड में ईवन पार 72 का स्कोर किया, जिससे उनका कुल स्कोर 227 बना। इस प्रदर्शन से उन्होंने अंडर-15 का खिताब जीता और अंडर-23 में रनर-अप बनकर अपनी उम्र से बड़ी खिलाड़ियों को चौंका दिया।
100 से ज़्यादा खिलाड़ियों को पछाड़ा
इस टूर्नामेंट में देशभर से आए 100+ टॉप रैंक्ड खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। दिल्ली गोल्फ सोसाइटी द्वारा आयोजित यह एक WAGR-रैंकिंग इवेंट था, जिसका प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय गोल्फ रैंकिंग में दर्ज होता है। ऐसे में शिक्षा की यह जीत महज ट्रॉफी नहीं, दबदबे की घोषणा है।
राजस्थान की बेटी, भारत की नई उम्मीद
93 से अधिक टूर्नामेंट जीतने और 197 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय आमंत्रण पाने वाली शिक्षा जैन अब महज खिलाड़ी नहीं, एक प्रतीक बन चुकी हैं – साहस, संकल्प और संघर्ष का प्रतीक।
माँ का संदेश – “ये ट्रॉफी नहीं, हौसले की जीत है”
भावुक माँ मेघा जैन ने देश के युवाओं को संदेश देते हुए कहा:

जब सपना बड़ा हो और इरादा अडिग हो, तो चोट भी रास्ता नहीं रोक सकती। शिक्षा ने आज हर युवा को दिखा दिया कि असली ताकत गिरने में नहीं, बल्कि गिरकर फिर उठने में है।”
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निष्कर्ष:
शिक्षा जैन की यह जीत महज व्यक्तिगत नहीं, पूरे राजस्थान और देश का गर्व है। एक घायल खिलाड़ी ने कैसे दिल और दिमाग के बल पर टूर्नामेंट पलटा – यह कहानी आने वाले सालों तक खेल प्रेरणा का स्रोत रहेगी।
भारत को आज एक चैंपियन नहीं, एक नई उम्मीद मिली है – और वह उम्मीद जयपुर से आई है। शिक्षा जैन अब सिर्फ नाम नहीं, संघर्ष और सफलता की मिसाल है।

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