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लेख — वृक्षारोपण बनाम धन का दुरुपयोग –पृथ्वीराज लोधी

हमारा भारत देश एक कृषि प्रधान देश है और हमारे देश में पर्यावरण का पूर्ण ध्ज्ञान रखा जाता है भारत में जहां जितने तेजी के स्तर से वनों की कटाई हो रही है इस तेजी से गांव क्षेत्र में किसान अपने खेतों में वृक्षारोपण अधिक से अधिक संख्या में कर रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा किया जा रहा वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत काफी संख्या में वृक्षों का रोपण किया गया है लेकिन हर वर्ष लाखों की संख्या में वृक्षों का रोपण किया जाता है सरकार स्कूल कॉलेज और अनेक सरकारी संस्थाओं और खाली स्थान पर वृक्षों को लगवाया करती है लेकिन देखभाल के अभाव में सब के सब लाखों वृक्ष सूख पर समाप्त हो जाते हैं आखिर इसका जिम्मा कौन उठाएगा
सरकार को इसके लिए कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है जिन संस्थानों में वृक्षों का रोपण किया जाता है उन संस्थानों को पौधों के सूखने पर जिम्मेदार ठहराया जाए और समय-समय पर सरकार उन पौधों का निरीक्षण करवाए तभी पौधे सुरक्षित बच सकते हैं अन्यथा देखभाल के अभाव में सब के सब वृक्ष हर बार की भांति सूख कर समाप्त हो जाएंगे और हमारा वृक्षारोपण कार्यक्रम असफल हो जाएगा और सरकार के लाखों रुपए पानी के रूप में समाप्त हो जाएंगे जहां हम पर्यावरण को सुरक्षित करने में लगे हुए हैं वही हमारा पर्यावरण कमजोर होता जाएगा लिहाजा मेरे हिसाब से सरकार वृक्षारोपण के लिए पौधे किसानों को वितरित कर दें तब किसान अपने खेत की मेड और कुछ बड़े किसान अपने खेत के अंदर भी उनका रोपण कर सकते हैं और उनकी अच्छी प्रकार से देखभाल भी कर सकते हैं किसान अपने वृक्षों को अपने बच्चों की तरह भली भांति पालता है उनको सुरक्षित रखता है समय-समय पर पानी देता है खाद देता है और उनकी अच्छी देखभाल करता है जब हमारे वृक्ष सुरक्षित रहेंगे तभी हमारा पर्यावरण कार्यक्रम सफल हो सकेगा
लेखक- पृथ्वीराज लोधी राजपूत
जिला रामपुर उत्तर प्रदेश
7500250627

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