पत्रकारिता का रूप एक,काम अनेक — डॉक्टर संजीदा खानम ‘शाहीन

भारत में पत्रकारिता की शुरुआत 18वी सदी में हुई थी। बंगाल गजट (हिक्की गैजेट ) पहला मीडिया पब्लिकेशन था।जो 1780 में शुरू हुआ था।अंग्रेजी का यह अखबार जेम्स आगस्ट हिक्की ने शुरू किया था जो की साप्ताहिक था ।पत्रकारिता का तात्पर्य है कि प्रतिदिन के कार्यों अथवा घटनाओं का विवरण प्रस्तुत करना। पत्रकारिता मोटे तौर पर प्रतिदिन की घटनाओं को यथा स्थिति के रूप में विवरण प्रस्तुत करती है ।समाचारों के संकलन, चयन ,विश्लेषण तथा संप्रेषण की प्रक्रिया है । समाचार वितरण के माध्यम के आधार पर पत्रकारिता को निम्न प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है। टीवी और रेडियो पत्रकारिता, प्रसारण पत्रकारिता, प्रिंट पत्रकारिता और ऑनलाइन पत्रकारिता।
जेम्स आगस्ट हिक्की को देश में स्वतंत्र प्रेस की परंपरा स्थापित करने में अग्रणी भूमिका के लिए भारतीय पत्रकारिता के पिता के रूप में माना जाता है। 1780 में जब उन्होंने कोलकाता से बंगाल गजट की शुरुआत की ,तब भारत में जनसंचार के माध्यम के रूप में समाचार पत्रों के बारे में कोई नहीं जानता था। आज के युग में पत्रकारिता के अभी अनेक माध्यम हो गए हैं। जैसे अखबार ,पत्र- पत्रिकाएं ,रेडियो, दूरदर्शन, वेब पत्रकारिता ,सोशल मीडिया, इंटरनेट आदि। कहने का तात्पर्य है कि पत्रकारिता लेखन की एक ऐसी शैली है जिसका उपयोग विभिन्न मीडिया प्रारूपों में समाचारों को रिपोर्ट करने के लिए किया जाता है। शैली की स्पष्ट विशेषताओं में छोटे सरल वाक्य और पैराग्राफ शामिल हैं ,जो तथ्यों के आधार पर वस्तुनिष्ठ कहानियां प्रस्तुत करते हैं। पत्रकार कहानी को विश्वसनीयता देने के लिए उद्धरणों का उपयोग करते हैं। समाचार पत्र के किसी भी खबर के वाक्य को परिचय या भूमिका कहते हैं ।पहले वाक्य में कहानी का सारांश संक्षेप में होना चाहिए और मुख्य जानकारी को शामिल करना चाहिए। पत्रकारिता समाचार की रिपोर्टिंग, लेखन, संपादन, फोटोग्राफी या प्रसारण या किसी समाचार संगठन को व्यवसाय के रूप में संचालित करने का प्रतिष्ठान है।
पत्रकारिता अपनी राय व्यक्त करने के लिए नहीं प्रयुक्त की जाती ।और ना ही पत्रकारिता में कोई पाठक वर्ग तैयार करना होता है। बल्कि पत्रकारिता सबके लिए होती है ।हर व्यक्ति समाचार पत्र का पाठक होता है ।यह कोई भी वर्ग हो सकता है । पत्रकारिता का असली उद्देश्य सूचनाओं को जनता तक पहुंचाना तथा जनता को देश समाज दुनिया में हो रहे हलचल को उजागर करना होता है। पत्रकारिता का मूल तत्व क्या है आईए जानते हैं ।नई सूचनाओं को प्रदान करना ,विभिन्न क्षेत्रों में राजनीतिक, सामाजिक,व्यवहारिक, मनोरंजक समसामयिक, तात्कालिक कानूनी साहित्यिक की किसी घटनाओं का ज्ञान होता है ।सूचनाओं का संकलन करते हैं और उन्हें समाचार के प्रारूप में डालकर पेश करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को ही पत्रकारिता कहते हैं। पत्रकारिता के भी कई प्रकार होते हैं। जब पत्रकारिता के प्रकारों की बात आती है तो उन्हें कई तरह से वर्गीकृत किया जा सकता है ।जैसे कि विषय के आधार पर खेल पत्रकारिता, बिजनेस पत्रकारिता ,फैशन पत्रकारिता, राजनीतिक, फिल्मी पत्रकारिता आदि ।पत्रकारिता के अनेक रूप भी होते हैं जैसे खोजी पत्रकारिता, आर्थिक पत्रकारिता, रचनात्मक और क्रियात्मक पत्रकारिता। पत्रकारिता एक कहानी कहने की कला है जो कई अलग-अलग रूपों में होती है ।यह लोकतांत्रिक समाज का एक प्रमुख घटक है। इसका अर्थ समाचार और सूचना से भी है। आज सूचना मीडिया की विविधता पर ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है ।समाचार और सूचना को भी अलग-अलग तरीके से प्राप्त किया जाना चाहिए। जिसमें लेख, रिपोर्ट, प्रसारण या ट्वीट ,व्हाट्सएप,टेलीग्राम आदि सहित अनेक माध्यम है।
डॉक्टर संजीदा खानम ‘शाहीन