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देश प्रेम को समर्पित रही कल्पकथा काव्य गोष्ठी

संकल्प और गौरवानुभूति के साथ कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक सदनिर्वाहन राष्ट्र सेवा है, राष्ट्र देवो भव:" - कल्पकथा परिवार

 

प्रभु श्री राधा गोपीनाथ जी महाराज की कृपा से संचालित, राष्ट्र प्रथम, सनातन संस्कृति, हिन्दीभाषा, एवं सद साहित्य, हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था की संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि कल्पकथा परिवार की साप्ताहिक ऑनलाइन काव्यगोष्ठी राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति के भावों को समर्पित रही।

जबलपुर मप्र की विद्वत साहित्यकार ज्योति प्यासी की अध्यक्षता एवं रस अल खैमाह संयुक्त अरब अमीरात मध्य पूर्व एशिया से जुड़े प्रबुद्ध साहित्यकार सत्यम सिन्हा के मुख्यातिथ्य में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ नागपुर महाराष्ट्र के वरिष्ठ साहित्यकार विजय रघुनाथराव डांगे द्वारा संगीतमय गुरु वंदना, गणेश वंदना, सरस्वती वंदना के साथ हुआ।

आशुकवि भास्कर सिंह माणिक कोंच जालौन उप्र एवं पवनेश मिश्र के मंच संचालन में दो चरणों एवं चार घंटे से अधिक समय तक चले कार्यक्रम में राष्ट्र सेवा, सैन्य शौर्य, अमर बलिदानियों को नमन करते हुए माँ भारती का वंदन किया गया।

विद्वान साहित्यकार हेमचंद्र सकलानी विद्यापीठ विकासनगर देहरादून उत्तराखंड ने अमर बलिदानियों को नमन करते हुए “बस एक दीप जला देना।” काव्य रचना के रूप में मंच पर पहली प्रस्तुति दी।

इटावा उप्र से जुड़े सैन्य साहित्यकार भगवान दास शर्मा प्रशांत ने “भारत की पुण्य भूमि” रचना द्वारा मंच को मातृभूमि के गौरव से भाव विभोर कर दिया।

आगे मंच को शोभायमान् किया दिल्ली से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार कमलेश विष्णु सिंह जिज्ञासु ने जिन्होंने राष्ट्र चेतना जागृत करते हुए कहा। “सब में हो सद्भाव बंधुता यही अटल व्यवहार।”उसके पश्चात कार्यक्रम अध्यक्षा ज्योति प्यासी ने वन्दे मातरम को स्वर देते हुए “वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, वन्दे मातरम, जिसके चरणों की सेवा में मन गया रम।” सुनाकर माहौल को ऊर्जान्वित कर दिया।
वहीं विजय डांगे ने स्वतंत्रता महोत्सव शीर्षक की रचना की संगीतबद्ध प्रस्तुति के साथ “स्वतंत्रता दीवानी है, देश की जवानी है” गीत द्वारा आयोजन को गरिमामय बना दिया।

विनीता कंवर राठौड़ ने “डिजिटल देशभक्ति” रचना सुनाकर सिर्फ सोशल मीडिया पर देशभक्ति दिखाने वाले आभासी देशभक्तों को जागृत करते हुए करारा व्यंग्य किया।

इनके अतिरिक्त सत्यम सिन्हा रस अल खैमाह संयुक्त अरब अमीरात, गोपाल कृष्ण बागी देहरादून उत्तराखण्ड, आत्म प्रकाश कुमार गांधीनगर गुजरात, रजनी कटारे जबलपुर मप्र, संपत्ति चौरे स्वाति खैरागढ़ छत्तीसगढ़, डॉ श्याम बिहारी मिश्र गोरखपुर उप्र, भास्कर सिंह माणिक, सुनील कुमार खुराना नकुड सहारनपुर उप्र, अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी मप्र, पण्डित अवधेश प्रसाद मिश्र मधुप वाराणसी उप्र, दीदी राधा श्री शर्मा, पवनेश मिश्र, आदि ने काव्य पाठ द्वारा मंच को सुशोभित किया। दर्शक दीर्घा से साधना मिश्रा विंध्य लखनऊ उप्र, डॉ पंकज कुमार बर्मन कटनी मप्र, प्रमोद पटले रायपुर छत्तीसगढ़, विष्णु शंकर मीणा हरीनगर पीपल्दा कोटा राजस्थान, ज्योति राघव सिंह, डॉ मंजू शकुन खरे दतिया मप्र, डॉ० अंजू सेमवाल उत्तरकाशी उत्तराखण्ड, आदि ने आयोजन की मुक्तकंठ से सराहना की। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा कोंच जालौन उप्र के आनंदेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के ऑनलाइन दर्शन, एवं भविष्य अवतार भगवान कल्कि के अवतरण, आयुधों, स्वरूप, इत्यादि की विस्तृत चर्चा जिसने पृथ्वी पर से पाप के अंत की शुरुआत की घोषणा की। अध्यक्षीय उद्बोधन में ज्योति प्यासी ने ऊर्जामय आयोजन पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि “राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र चेतना से जुड़ते हुए गौरवान्वित महसूस करना चाहिए,” वहीं मुख्य अतिथि सत्यम सिन्हा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “राष्ट्र देव को, राष्ट्र प्रेमियों को, अमर बलिदानी सैन्यवीरों को नमन करना, हम भारतवासियों का कर्तव्य है।” कार्यक्रम के अंत में कल्पकथा संस्थापक दीदी राधा श्री शर्मा ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि “संकल्प और गौरवानुभूति के साथ कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक सदनिर्वाहन राष्ट्र सेवा है, राष्ट्र देवो भव:”तत्पश्चात “सर्वे भवन्तु सुखिन:” शांति पाठ के साथ कार्यक्रम को विश्राम दे दिया गया।

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