दोस्त — नीलम सोनी

दोस्त मैं एक बार मे क्या लिखू । क्या खूब था वो बचपन जो दो उंगलिया मिलने से दोस्ती हो जाती थी ।दोस्ती का रिश्ता एक एसा रिश्ता होता है जो इंसान खुद बनता है। ये खून के रिश्ते से भी बड़ कर होता हैं। जो केवल भावनाओं से जुड़ा होता है। दोस्ती निभाने लिये तो कृष्ण भगवान पाठ याद होने पर भी गुरुजी को मना कर दिया क्युकि उन्हें मालूम था कि अगर मेने पाठ सुना दिया तो सुदामा को अकेले वन जाना पड़ेगा ये होती हें दोस्ती सुख में हर कोई इंसान साथ देता हें पर दुःख में जो साथ देता है वो होता हें दोस्त। असली दोस्त वही होता है जो बिना कहे खामोशी को समझ ले ।हर दुःख सुख में साथ दे वो होता है दोस्त समय आने पर कहता है तू चिंता मत कर में तेरे साथ हूँ। एक बार दुःख आने पर सारे नाते रिस्तेदार दूर हो जाते हें पर सच्चा दोस्त साथ निभाता है। हर इंसान अपनी अच्छी बुरी सब बात एक दोस्त को बताता है। और वो हर तकलीफ से बाहर निकालने की कोशिश करता है। एसा नहीं है कि दोस्ती में सिर्फ प्रेम ही होता हें लड़ झगड़ भी लेते हैं कहीं दिनों तक एक दूसरे को फोन भी नहीं करते पर मन बैचैन भी रहता हैं फोन नहीं आया। मिलने नहीं आया जो आप के बारे मे सब जानते हुए भी आप की परवाह करे वो होता हैं दोस्त आप का पल पल साथ देता हैं। जिंदगी मे दोस्त बनाना आसान हैं पर जीवन भर साथ निभाना बहुत मुश्किल है। दोस्त एसा बनाओ जो कि आप की खुशी को देख कर खुश हो और आप के दुःख मे आप से ज्यादा दुखी होकर आप को हर पल उस दुःख की घड़ी मे से निकालने की कोशिश करे।आप के पास अगर अच्छा और सच्चा दोस्त ही तो समझिए आप को सब कुछ मिल गया। दोस्ती किसी खास लोगों से नहीं होती जिससे दोस्ती होती है वो खास बन जाते है। दोस्ती भी अजीब होती हैं पास होने पर कदर नहीं होती और दूर होने पर महसूस की जाती हैं। हम अपने आप पर गुरूर करते हें किसी को दोस्ती निभाने के liy मजबूर नहीं करते जिससे एक बार दोस्ती कर ली उसे मारते दम तक दिल से दूर नहीं करते। वो मिले ना मिले चाहे कितना ही दूर हो वो याद करे ना करे ।पर मेरे दिल मे उसकी याद हमेशा रहेगी। थैंक्स मेरे दोस्त मेरी जिन्दगी मे आने के लिए मेरी जिन्दगी हसीन बनाने के लिए ।सच्ची दोस्ती हर किसी से नहीं होती नसीब से होती है। दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें रह जाती हैं ।एक कहानी बन के। पर हमेशा दिल के करीब रहते हैं। कभी नुकसान तो कभी आँखों का पानी बन के एसे दोस्त को कभी धोखा मत देना ।अगर कभी नाराज हो जाय तो दूसरा मनाने आ जाना। कभी दोस्ती जेसे रिस्ते में अपना इगो मत लाना ।ये मेरे प्यारे दोस्त के लिए जिसकी जगह कोई दूसरा नहीं ले सकता। अपने उस दोस्त से कभी दूर मत होना जिसने तुम्हारी अपने से ज्यादा परवाह की हो।
मित्र वो इत्र है जो जिंदगी भर महकता रहता हैं
लेखिका नीलम सोनी फॉर्म ब्यावर राजस्थान