दोस्ती खुशी कीखान– डॉ मीरा कनौजिया काव्यांशी

आज ही मेरी छोटी बहन पूनम चाची की बेटी, मेरे घर आई और कहने लगी दीदी बहुत दिन हो गए हैं, हम लोग कहीं बाहर घूमने नहीं गए।
हमने कहा ठीक है बहन जाना चाहिए क्योंकि उम्र का ऐसा पड़ाव है ,वृद्धावस्था में और वैसे भी हमें मिलजुल कर कहीं ना कहीं एकत्रित होकर के मन की परेशानियां को सुनते हुए आयोजन करना चाहिए।
चलो प्रोग्राम बनाते हैं, पूनम ने कहा ठीक है दीदी में किरण को रमा, सीता को सभी सखियों को बोल दूंगी एक दिन निश्चित कर लेते हैं ।हम लोग मंगलवार के सुबह निकल चल पड़ेंगे।
मैंने कहा ठीक है सभी सखियां अपना-अपना सामान ले आई। सब खाने-पीने का ,कोई कोल्ड ड्रिंक ले आई कोई पूरी, सब्जी, हलवा ,कोई छोले भटूरे ,सब लेकर के एकत्रित होकर हम लोग चल पड़े।
कितने दिनों बाद मिले हम लोगों को बहुत अच्छा लग रहा था ,आपस में एक दूसरे का सुख-दुख बांट रहे थे।
लखनऊ चिड़ियाघर का आयोजन बनाया ,वहीं पर हम लोग पहुंच के, हम लोगों ने चादर बिछा ली बैठकर के गपशप करने लगे एक दूसरे की सुख दुख की बातें।
हम लोगों ने चाय नमकीन खाएं, और वहां पर कैंटीन में भी स्नैक्स वगैरा खाया। हम लोगों ने छोटे-मोटे गेम भी खेले आपस में।
पक्षियों को देखा जानवरों को देखा, बहुत आनंद आया फिर बैठ करके हम सभी ने एकत्रित होकर चाय पी कोल्ड ड्रिंक पी, और साथ में सबने अपने-अपने खाने की पोटली खोली और सब ने मिलजुल करके आहार ग्रहण किया।
फिर हम लोग वहां से एक वाहन में चल दिए और फिर हम लोगों ने प्लानिंग की ,कि हम लोग हर 15 दिन में ऐसे ही आयोजन किया करेंगे क्योंकि अच्छा लगता है।
आपस में सब लोग मिलकर के किटी पार्टी ज्वाइन कर लेंगे।
इस प्रकार से डांस गाना बजाना अंताक्षरी करते हुए हम लोग अपने घर पहुंचे।
बहुत अच्छा लगा उस दिन सभी के मन खुश थे, यह हुआ कि अब हम लोग महीने में दो बार किटी पार्टी का आयोजन किया करेंगे, इससे हम सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
और एक समूह में बैठ करके गपशप बातचीत एक दूसरे का दुख सुख बाटेंगे,इससे हमारी बीमारियां भी दूर होगी हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।।
उतरती उम्र के पड़ाव में हम सबको इसी प्रकार से आज के दौर में घूमना फिर ना एंजॉयकिटी पार्टी आयोजन हम सभी महिलाओं के लिए अति आवश्यक है। इससे हमारी परेशानियों काफी हद तक दूर होती हैं।
डॉ मीरा कनौजिया काव्यांशी