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एक गहरा दोस्त खतरनाक दुश्मन भी हो सकता है — डॉ संजीदा खानम शाहीन

 

एक गहरा दोस्त खतरनाक दुश्मन भी हो सकता है बिल्कुल हो सकता है ये सच है अगर उसे किसी बात का आघात पहुंचे और सहने की शक्ति उसकी कमजोर पड़ जाए तो वो ऐसा कर सकता है।जिसे सच्चे मन से दोस्त माने वो ही किसी प्रकार का छलावा करे तो भी संभव है।दोस्ती एक पवित्र रिश्ता सबसे अलग सबसे अनोखा बहुत खूबसूरत अहसास मर मिटने वाली दोस्ती बहुत मिसाले दोस्ती की। ऐसा रिश्ता जिसे हमारे स्वयं के दिल
ने चुना होता है वो है दोस्ती का रिश्ता। कोई बंधन नहीं न कोई दबाव सबकी जिंदगी में दोस्त होते है ।किस्मत से अच्छे दोस्त मिलते है इसलिए दोस्ती कीजिए खुदअहसास हो जाएगा।हम दोस्त से दिल का हाल कह सकते है । दोस्त का साथ और बात दोनों अच्छी लगती है।बात उस समय की है जब रमा और अर्शी दोअच्छी दोस्त कॉलेज पढ़ाई के लिए हॉस्टल जाती है ।
शुरुआत में बहुत दिक्कत आई बाद में
पढ़ाई ठीक चल रही थी ,दोनो की अच्छी दोस्ती देखकर उनसे बहुत से लोग जलते ईर्ष्या रखते थे।
एक दिन अचानक अर्शी को एक लड़के ने बोला वो अर्शी से बहुत प्यार करता है । इत्तेफाक की बात ये थी कि रमा भी उस लड़के को चाहती थी ।
लेकिन लड़का अर्शी को चाहता था ।
लड़का गैर मुस्लिम था ।उसने अर्शी का दिल जीत लिया था ।और वो अर्शी से शादी करना चाहता था ।यहां जात धर्म का मामला सामने आया ,वहां रमा उस लड़के को चाहती थी ।एक दिन रमा से उस लड़के ने साफ साफ कह दिया ।कि में अर्शी को चाहता हूं।
तुम दूर रहो मुझ से बस क्या था फिर रमा अपनी दोस्त की ही दुश्मन बन गई ।उससे ये बर्दाश्त न हुआ , प्यारी दोस्ती में उस दिन से दरार आ गई।

डॉ संजीदा खानम शाहीन

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