नागपंचमी — नरसा राम जांगु

नागपंचमी की शाम थी। गांव के बाहर एक प्राचीन नाग मंदिर था, जहां लोग अपने परिवार की सलामती और सुख-शांति के लिए नाग देवता की पूजा करने आते थे ।
एक छोटी सी लड़की, राधिका, अपनी माँ के साथ नागपंचमी की पूजा करने आई थी। राधिका के हाथ में एक छोटा सा नाग बनाया हुआ खिलौना था, जिसे उसने बाजार से खरीदा था। वह बहुत उत्साहित थी और नाग देवता को अपना खिलौना चढ़ाने के लिए तैयार थी।
जब वे मंदिर पहुंचे, तो वहां पहले से ही बहुत से लोग पूजा कर रहे थे। राधिका की माँ ने उसे समझाया कि नाग देवता की पूजा कैसे करनी है और उन्हें कैसे प्रसन्न करना है। राधिका ने बड़े ध्यान से अपनी माँ की बातें सुनीं और फिर नाग देवता की पूजा करने लगी।
पूजा करने के बाद, राधिका ने अपना नाग खिलौना नाग देवता के सामने रखा और कहा, “नाग देवता, मैं आपको यह खिलौना चढ़ाती हूँ। कृपया हमारे परिवार को सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करें।”
राधिका की माँ ने उसे गले लगाया और कहा, “बेटी, तुम्हारी पूजा निश्चित रूप से नाग देवता को प्रसन्न करेगी और हमारे परिवार पर उनकी कृपा बनी रहेगी।”पूजा समाप्त होने के बाद, राधिका और उसकी माँ घर वापस चले गए। राधिका के चेहरे पर एक संतुष्ट मुस्कान थी, जो दर्शाती थी कि वह नाग देवता की पूजा करके बहुत खुश है।
नरसा राम जांगु
डीडवाना राजस्थान
भारत