नदियों में गंदगी: जिम्मेदार कौन — राजेन्द्र परिहार “सैनिक”
नदियों में गंदगी: जिम्मेदार कौन?
नदियों में गंदगी के जिम्मेदार हम सब तो हैं ही साथ ही
सरकार भी जिम्मेदार है। हम सब जब तलक जागृत
नहीं होंगे और अपनी नदियों को अपनी मां समान नहीं
समझेंगे और अपनी लापरवाही को दूर नहीं करेंगे तब
तक नदियां गंदगी से अटी पड़ी रहेंगी। नदियां हमारे
जीवन रूपी शरीर की रक्त वाहिकाओं के समान हैं ये
हमे पोषण आहार और जल पहुंचाती हैं इन नदियों का अवरूद्ध होना हमारे लिए ही हानिकर सिद्ध हो रहा है। हमारी फसलों में इनका दूषित जल नुकसान पहुंचा रहा है। काश कि ये नदियां बोल पाती,अपना दर्द बयां कर पाती.. किंतु इनकी आत्मा हमें अवश्य धिक्कार रही होंगी।पावन जल लेकर अवतरित हुई मां समान गंगा को ही हमने नहीं बख़्शा तो और नदियों की तो बात ही क्या करना। हमारे साथ साथ सरकार ने भी तो यही किया है तमाम गंदे नालों को नदियों में गिरने से रोकना सरकार का ही तो काम है। ऐसे नियम कानून बनाए जाएं कि कोई भी नदियों को गंदा करने वाले व्यक्ति को दण्ड देना निश्चित किया जाए। नदियों को स्वच्छ
करने का मिशन निष्पक्ष रूप से चलाया जाए। नदियों को स्वच्छ रखना एक स्वस्थ परंपरा समझ कर निभाया जाना चाहिए। कार्य थोड़ा कठिन अवश्य है किन्तु नामुमकिन तो बिलकुल भी नहीं। आवश्यकता है,इन नदियों के प्रति सकारात्मक रुख अपनाए जाने का। सभी थोड़ा थोड़ा प्रयास करें तो हमारी नदियां हमारे लिए अभिशाप नहीं अपितु वरदान साबित होंगी।
जिस दृढ़ संकल्प से भागीरथ गंगा को धरती पर लेकर आए, वैसे ही सुन्दर प्रयास हम सभी को करने की आवश्यकता है।
राजेन्द्र परिहार “सैनिक”