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शौर्य और शहादत को समर्पित कुंडीय गायत्री महायज्ञ आज =देव पूजन के साथ करेंगे शहीदों को नमन
- जयपुर। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर झोटवाड़ा की सूर्य विहार विस्तार कॉलोनी के योग पार्क में रविवार, 15 दिसंबर को सुबह नौ बजे से निःशुल्क पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। शौर्य और शहादत को समर्पित इस महायज्ञ का शुभारंभ शहीद हिम्मत सिंह के पिता किशोर सिंह शेखावत, शहीद कैप्टन योगेश अग्रवाल के पिता अजय अग्रवाल दीप प्रज्वलित कर करेंगे । युवा और बच्चों में सेना में जाकर मातृभूमि रक्षा करने का भाव जागृत हो इसके लिए देव पूजन के साथ शहीदों के चित्र और उन्हें मिले वीरता, शौर्य पदक का भी पूजन किया जाएगा। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में यज्ञ का आयोजन उत्थान सेवा संस्थान, पतजंलि किसान सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में होगा। यज्ञ में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक अपने मेडल और परिवार सहित शामिल होंगे। स्वस्थ शरीर स्वस्थ देश का संदेश देने के लिए नांगल जैसा बोहरा, मुरलीपुरा, विद्याधरनगर, लोहामंडी, कालवाड़ रोड की सभी योग कक्षाओं योग साधक एक ही गणवेश में रहेंगे। महायज्ञ शांति कुंज हरिद्वार का प्रतिनिधि करने वाली गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की टोली संपन्न कराएगी। उत्थान सेवा संस्थान के अध्यक्ष कैप्टन शीशराम चौधरी ने बताया कि महायज्ञ तैयारियां पूरी कर ली गई है। यज्ञ में सभी को आहुतियां अर्पित करने का अवसर प्राप्त होगा। यज्ञ के लिए कोई टोकन की आवश्यक्ता नहीं की है। आयोजन स्थल पर नशा मुक्ति प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। लोगों को नशा छोडऩे का संकल्प करवाया जाएगा। प्रेरक साहित्य निशुल्क वितरित किया जाएगा। *पूर्व संध्या पर निकाली नशा मुक्ति रैली* शनिवार को आयोजन स्थल से आसपास के क्षेत्र में नशा मुक्ति जन जागरण रैली निकाली गई। स्थानीय लोग और गायत्री परिजन हाथों में पीले ध्वज लेकर नशा नाश की जड़ है भाई इसने ही सब आग लगाई…, नशा नाश का दूजा नाम तन मन दोनों बेकाम…, हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा का जय घोष करते हुए विभिन्न मार्गो से होते हुए गुजरे। गायत्री शक्ति पीठ कालवाड़ के ट्रस्टी प्रहलाद शर्मा, मनु महाराज, शिवानंद त्रिपाठी, गोपाल पारीक उमाशंकर खंडेलवाल, मुकेश माथुर, मंगल तोंदवाल, पुष्पा पारीक, ज्योति शर्मा, तरुण कुमावत सहित अनेक लोग मौजूद रहे। शाम को यज्ञ स्थल पर दीप महायज्ञ हुआ। बड़ी संख्या में दीपक जलाकर गायत्री माता की आरती की गई।