गोविंद देवजी मंदिर में नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न, मिला ज्ञान प्रसाद

जयपुर। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में आयोजित यजन-2025 के अंतर्गत नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन में लगभग 250 श्रद्धालुओं ने तीन पारियों में आहुतियां अर्पित कर पुण्य अर्जित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गुरु वंदना से हुआ। इसके पश्चात वेदमाता, देवमाता और विश्वमाता गायत्री, गोविंद देवजी और गुरुसत्ता का सोडशोपचार पूजन किया गया। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार से आए विद्वानों ने यज्ञीय जीवन पद्धति पर बल देते हुए गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र के साथ यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित करवाईं। यज्ञ में रोग मुक्ति, पितृ कल्याण, और नवग्रह शांति के लिए विशिष्ट आहुतियां दी गईं।
ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने ठाकुरजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर यज्ञ का शुभारंभ किया। यज्ञ की पूर्णाहुति पर एक बुराई छोड़ने और एक अच्छाई ग्रहण करने का संकल्प लिया गया।
प्रेरक साहित्य का वितरण
श्रद्धालुओं को स्वाध्याय के लिए प्रेरित करने हेतु अखंड ज्योति, युग निर्माण योजना और अन्य प्रेरक पुस्तकें निशुल्क भेंट की गईं। गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की रचनाओं की विशेष स्टॉल भी लगाई गई, जहां श्रद्धालुओं को सद्साहित्य उपलब्ध कराया गया।
प्रज्ञागीत और संदेश
आचार्य पीठ से दिनेश आचार्य ने प्रज्ञागीत “हमने आंगन नहीं बुहारा, कैसे आएंगे भगवान” का श्रवण करवाते हुए कहा कि जब तक हम अपने मन रूपी आंगन को दोष, दुर्गुण और दुर्भावनाओं से मुक्त नहीं करेंगे, तब तक भगवान हमारे हृदय में प्रकट नहीं होंगे। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के सह व्यवस्थापक मणिशंकर चौधरी ने बताया, “गायत्री सद्बुद्धि का मंत्र है और यज्ञ सत्कर्म का प्रतीक। भारतीय संस्कृति के दो निर्माता यज्ञ पिता और गायत्री माता हैं।”
आगामी आयोजन
महायज्ञ की श्रृंखला में अगला आयोजन रविवार, 26 जनवरी को प्रातः 9 से 11 बजे तक होगा। श्रद्धालु इस अवसर पर पुनः आहुतियां अर्पित कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं।