मंशापूर्ण बालाजी: आस्था और सनातन धर्म के प्रचारक महंत श्री विनोद शर्मा

जयपुर – निवारू रोड मंशापूर्ण बालाजी का दरबार भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां श्रद्धालु दूर-दूर से अपनी मनोकामनाओं के साथ आते हैं और उनकी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। यह दिव्य स्थल न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि सनातन धर्म के प्रचार और जागरूकता का भी एक सशक्त माध्यम बन चुका है।
बालाजी के परम भक्त और महंत श्री विनोद शर्मा जी इस पावन स्थल के माध्यम से न केवल भक्तों की आस्था को सुदृढ़ कर रहे हैं, बल्कि सनातन धर्म को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प भी लिया है। उनका मानना है कि आज भी कई लोग सनातन धर्म के वास्तविक स्वरूप से अनभिज्ञ हैं, और इसे घर-घर तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
सनातन धर्म के प्रचार की आवश्यकता
महंत विनोद शर्मा जी के अनुसार, समाज में कई लोग जातियों और भेदभाव में उलझे हुए हैं, जिससे एकता और धर्म के मूल संदेश को नुकसान पहुंच रहा है। सनातन धर्म की महानता को सही रूप में समझाने और लोगों को जागरूक करने के लिए उन्होंने पहल की है। उनका उद्देश्य है कि समाज में समरसता बनी रहे और लोग धर्म के वास्तविक मूल्यों को अपनाकर जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएं।
भक्तों की अटूट आस्था
मंशापूर्ण बालाजी के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से अपनी प्रार्थना लेकर आता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। यही कारण है कि मंगलवार व शनिवार सैकड़ों की संख्या में भक्त यहां आकर बालाजी महाराज के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं।
समाज में एकता और धर्म की सीख
महंत विनोद शर्मा जी द्वारा की जा रही इस पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि सनातन धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली है, जो मानवता, करुणा और एकता का संदेश देती है। वे समाज को जातिगत भेदभाव से ऊपर उठाने और सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं।
निष्कर्ष
मंशापूर्ण बालाजी का दरबार आस्था का केंद्र तो है ही, साथ ही यह सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार का भी एक महत्वपूर्ण स्थान बनता जा रहा है। महंत श्री विनोद शर्मा जी की यह पहल समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर रही है। उनका संदेश स्पष्ट है— जातियों में बंटने के बजाय, हमें एकजुट होकर सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को अपनाना चाहिए और इसे हर व्यक्ति तक पहुंचाना चाहिए।