वाराणसी में ‘रंगोत्सव 2025’ का भव्य आयोजन, हिंदी काव्य प्रेमियों ने होली मिलन समारोह में बिखेरे रंग

वाराणसी, 22 मार्च – हिंदी काव्य साहित्य के उत्थान और प्रोन्नति हेतु समर्पित बहुचर्चित समूह कलम के जादूगर ने काशी की पावन धरती पर भव्य ‘रंगोत्सव 2025’ होली मिलन समारोह एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया। हर हर महादेव के जयकारों के साथ यह आयोजन वाराणसी स्थित होटल इवारा इन में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कलम के जादूगर के संस्थापक, सुप्रसिद्ध कवि और गीतकार श्रेय तिवारी ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जीतेंद्र कुमार गुप्ता और श्री जगन्नाथ राय उपस्थित रहे। आयोजन का उत्तम संयोजन कवयित्री चेतना तिवारी द्वारा किया गया, जबकि संचालन कवयित्री पूजा श्रीवास्तव, कवयित्री अलका बलूनी पंत, कवयित्री रिचा सिंह और कवयित्री अर्चना झा ने किया। इस भव्य समारोह में देशभर से आए वरिष्ठ एवं युवा रचनाकारों ने अपनी प्रभावशाली कविताओं, गीतों और ग़ज़लों से मंच को काव्य-रस से सराबोर कर दिया। उनकी प्रस्तुति ने श्रोताओं को कभी प्रेम रस में डुबोया, तो कभी हास्य और व्यंग्य से गुदगुदाया। भावुक क्षणों ने मन को छुआ, वहीं ओजस्वी रचनाओं ने जोश और ऊर्जा का संचार किया।
इस भव्य कवि सम्मेलन में सम्मिलित होने वाले प्रमुख रचनाकारों में शामिल थे – विनय कुमार, नितेश कुमार साहेब, सर्वेश अग्रहरि व्योही, नीरज प्रजापति, रिचा अग्रवाल, पंकज देहाती, अभिलाषा श्रीवास्तव अनुभूति, संजय कुमार राव, अजय वर्मा साथी, डॉ. रेणु वर्मा, हिमांशु सक्सेना अर्श, विजय पुरोहित बीजू, कृष्ण कुमार दुबे, वर्तिका अग्रवाल, कुलदीप शुक्ला, प्रकाश मित्रवत, दीपांशी शुक्ला, संजीव कुमार सिंह, प्रियंका श्रीवास्तव, अनामिका कली, सतीश पांचाल, प्रदीप कुमार झा, दुर्वेश कुमार, विशु तिवारी, प्रताप शंकर दुबे, विवेक अग्रवाल अवि, बबली सिंह वान्या, डॉ. अनुराग पांडे, विक्रम सिंह यादव बरनी, तरुण जैन तरुण, विनय कुमार साहू निश्छल, बीरेंद्र गौतम, श्राबोनी गांगुली, शशांक मणि यादव, भूपेंद्र राघव, निशा सक्सेना, मीरा सजवान मानवी, मंजू कुशवाहा, डॉ. वंदना श्रीवास्तव, अभिलाषा अरुण, डॉ. पुष्पा सिंह, अंजना जैन और नीलम गुप्ता।
सभी रचनाकारों को हिंदी काव्य साहित्य के प्रचार-प्रसार में दिए गए योगदान हेतु कलम के जादूगर समूह द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर समूह के संस्थापक श्रेय तिवारी ने कहा, “हमारा उद्देश्य हिंदी काव्य साहित्य को बढ़ावा देना और उभरते रचनाकारों को एक सशक्त मंच प्रदान करना है। कलम के जादूगर इस तरह के काव्य सम्मेलनों का आयोजन देशभर में करता रहेगा।”
वाराणसी में हुए इस भव्य रंगोत्सव ने न केवल हिंदी साहित्य प्रेमियों को एक मंच पर जोड़ा, बल्कि भारतीय संस्कृति और होली के उल्लास में भी एक नया रंग भर दिया।