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नारी तू शक्ति स्वरूपा : मत रुक, मत थक, बढ़ती चलो” — नारी शक्ति को समर्पित — पवन मल्होत्रा एडवोकेट

 

ऐ भारत की नारी, आगे बढ़ती चलो , कभी मत हार !
सब समझ लें ये बात , तुम ही हो इस सृष्टि की आधार !

लक्ष्मी बन अवतरित हुई, घर में लगा खुशियों का अम्बार !
बहन, बेटी बन मुस्कान बिखेरी, स्नेह से महकाया ये संसार !!
कमजोर हो तुम , कह कर तुम्हें नीचा दिखाया गया कई बार !
वो मंदबुद्धि लोग क्या जाने, तुम ही हो इस जीवन का आधार !!
इसलिए भारत की बेटी, आगे बढ़ती चलो, कभी मत हार !!

बड़ी हुई, ब्याह दिया माता पिता ने, उतारा अपने सर का भार !
अनजान परिवार को सम्भाला, लगाकर अपना पूरा दारोमदार !!
उस घर में तुम्हारा तिरस्कार हुआ कि तुम कौन हो आखिरकार !
नागवार बातों को सुनकर तुम्हारा निर्मल ह्रदय टूटा कई बार !!
लेकिन भारत की नारी, आगे बढ़ती चलो, कभी मत हार !!

 

पूर्वकाल में काली, दुर्गा बन किया तुमने भीषण दैत्य संहार !
उमाशंकर, लक्ष्मीनारायण रूप में बनी जगत की तारणहार !!
लक्ष्मी, इंदिरा, कंचन, सुषमा, नीलम, उर्मिला लाखों रूप तेरे !
आगे बढ़ चेतना जगाओ पूरे देश में , भरो इक बुलंद हुंकार !!
इसलिए भारत की बेटी, आगे बढ़ती चलो, कभी मत हार !!

नारी शक्ति को समर्पित रचना
पवन मल्होत्रा एडवोकेट

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