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योग का अभिनव प्रयोग — महेन्द्र कुमार सिन्हा

 

योग प्राणायाम आसन ध्यान धारणा समाधि हमारे भारतीय संस्कृति में सृष्टि के आरंभ से है।
बहुत से ऋषि मुनि ने योग बहुत ही गुणगान किया है। ऋषि शिरोमणि पतंजलि के योग आसन प्राणायाम बहुत की प्रयोग कर मनुष्य के जीवन के लिए उपयुक्त सरल से सरल और जटिल से जटिल योग आसन प्राणायाम का प्रयोगात्मक परिणाम घोषित किया है। ।बहुत से ॠषि मुनि ने समय समय पर योग का प्रचार प्रसार किया है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक परम् पूज्य गुरुदेव पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी ने योग आसन प्राणायाम का बहुत-बहुत प्रचार प्रसार किया है।सूर्य नमस्कार योग, अनुलोम-विलोम प्राणायाम और बहुत सारे आसन प्राणायाम योग को जीवन पद्धति से जोड़ दिया उपासना साधना आराधना में सब को जोड़ दिया है।
पर वर्तमान समय में योग गुरु बाबा रामदेव योग ऋषि स्वामी रामदेव जी के पतंजलि योग पीठ का निर्माण किया है।योग आसमान प्राणायाम ऋषि परंपरा को प्रचार प्रसार प्रयोगात्मक रूप से स्वयं योग कर सभी को जगह जगह शिविर लगाकर सभी भारतीयों एवम् विदेशों को भी योग से जोड़ा है।
योग आसन प्राणायाम को शारीरिक मानसिक व्याधियों को दूर कर सुन्दर निरोगी जीवन जीने की कला सिखाया है। बाबा रामदेव और भारत सरकार के अभिनव प्रयास के कारण 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।

महेन्द्र कुमार सिन्हा जय महासमुंद छत्तीसगढ़

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