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संक्षिप्त लेख: जीवन जीने की कला – पालजीभाई वी राठोड़

 

खुश रहने के लिए बाहर जाकर कुछ खाना पीना भी जरूरी है। खुद के लिए भी जीने का समय निकालना। समय आएगा कभी मेरे स्वयं के जीने लिए भी ग़लत सोच है। समय तो अनवरत गतिमान है ठहरता नहीं है वह कभी भी किसी के लिए भी समय गुजरने की प्रकिया में रहता है हमेशा लौटने की प्रकिया में नही। इसलिए उसके आने का इंतजार बेमानी है।सबके लिए जीते जीते उम्र कब पूरी होने को आ जाय कोई नहीं जानता इस रहस्य को। सबके लिए जीते हुए अपने लिए जीने का भी समय निकालना ही जीवन जीने की असली कला है और यह कला आनी ही चाहिए।तेली का बैल जो गोल गोल घूमता हुआ या तांगे में आंखों पर पट्टी बंधवाए घोड़ा नहीं होता आदमी।आदमी फिर आदमी है जिसे सहर्षोल्लास जीने का हक ही नहीं उसका दायित्व भी है जिससे औरों को सिखा सके कि जीवन को आनंद करते हुए जीना ही असली जीवन है।यह हकीकत जानना आवश्यक है।
कभी फुर्सत मिले तो खुद से एक सवाल जरूर पूछना जिंदगी‌ जी रहे हो या काट रहे हो।‌ कल कितना भी मज़बूत क्यूं न रहा हो आज़ की क्रुरता से नहीं लड़ सकता बीता हुआ कल खोकर पाना सिखाया आज़ की चतुराई रो कर जीना सिखाया है
आज़ कभी कल नहीं बन सकता।कल जो होगा वो उम्मीद होगी एक ताज़गी एक एहसास एक खूबसूरती एक आस एक आस्था एक विश्वास यही है एक अच्छे दिन की शुरूआत।बहुत कुछ सिखाती है जिंदगी लोगों की पहचान कराती है जिंदगी, जो जैसा दिखता है वैसा होता नहीं,हर चेहरे के नक़ाब हटाती है ये ज़िंदगी। जिस तरह ठंडा तवा रोटी नहीं सेक सकता या बुझी हुई मोमबत्ती रौशनी नहीं दे सकती उसी तरह नकारत्मक सोच वाले कभी हौसला नहीं दे सकते ।इनसे जितना दूर रहो,उतना ही अच्छा ।बीता हुआ हर लम्हा जिंदगी को समझने का एक अच्छा मौक़ा है और आने वाला हर लम्हा जिंदगी को जीने का दूसरा मौक़ा है कभी भी यह मत सोचो कि हम अकेले है बल्कि यह सोचिए कि हम अकेले ही बहुत है। समय सदा अनुकूल ही होता है केवल उसका उपयोग कैसे करना इसका ज्ञान आवश्यक होता है।आजकल लोगों के जीवन में दिखावा अधिक और वास्तविकता कम है। ऐसे व्यर्थ के प्रदर्शन से बचें और जीवन का वास्तविक आनंद ले। ज़िंदगी की दौड़ में कभी जीतने की जल्दी मत करो क्योंकि वक्त से पहले और किस्मत से ज़्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता।हर सुबह एक नया मौका है धैर्य रखो विश्वास रखो तुम्हारी मेहनत एक दिन जरूर रंग लाएगी।जिस मेहनत से आज आप भाग रहे है कल वही आपको सफलता दिलाएगी झोंक दो खुद को मेहनत की आग में कल यही आप को हीरा बनाएगी।परिवर्तन इस पूरी सृष्टि का नियम है अब चाहे वो परिवर्तन आप में हो आपके रिश्तों में हो आपके काम में हो या संसार मैं हो उसे अपनाना सीखो।
नकारात्मकता का करो बहिष्कार,
सकारात्मकता पर करो सदा विचार।
जीवन में सदा इसी पर अमल करोगे,
जीवन‌ महकती रहेगी‌ सदा ही बहार।

श्री पालजीभाई वी राठोड़ ‘प्रेम’ सुरेंद्रनगर गुजरात

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