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लघु कथा—पोखर __ मैत्रेयी त्रिपाठी
पोखर…जल का स्त्रोत,सागर से छोटी नदी ,नदी से छोटा तालाब और तालाब से छोटा पोखर, जो अपने अस्तित्व की…
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मेरे ख्वाबों का आसमान — डॉ मीरा कनौजिया
मेरे ख्वाबों का आसमान था, कि ससुराल से ट्रांसफर होकर के मेरे पतिदेव केंद्रीय विद्यालय में पोस्टेड थे कानपुर…
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टिप्पणी — लता शर्मा
टिप्पणी अर्थात प्रतिक्रया किसी आलेख, कविता ,कहानी,वस्तु,किसी के रूप, चाल-चलन वेश भूषा आदि पर दी जाने वाली, अपने समझ…
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संस्मरण– परिश्रम का फल — प्रेममणी एसलीना
यह रचना मेरी प्रिय बहन श्रीमती सरिता एक्का_आग्नेश मेरी को समर्पित है। मेरे से छोटी बहन सरिता एक्का जी_आग्नेश…
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यादों का पिटारा,– अलका गर्ग
आज शादी के पैंतीस साल बाद अंजू को मौक़ा मिला अपनी ननिहाल की गिरती हवेली के खंडहरों में जा…
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मोबाइल का भूत — रश्मि मृदुलिका
शुभम के पास मोबाइल है उसके मामा लेकर आये है माँ मुझे भी चाहिए’ आशीष सुबह से ही जिद्द…
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परमात्मकी छबि — छाया खत्री
खुली सड़क पर एक बूढ़ा भीख मांग रहा था। कड़ी धूप थी फिरभी वहीं बैठा था। धूप कम होनेकोही…
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बुढ़ापा___अकेलापन या सुकून __ उर्मिला मोरे
क्या आपको लगता है बुढ़ापा अकेलेपन का दूसरा नाम है। क्योंकि इस समय दोस्त दूर हो जाते हैं ,परिवार अपनी…
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मां का पल्लू — शिखा खुराना
छोटी गुड़िया को सुबह की पहली किरणों से पहले ही जागने की आदत थी। लेकिन उसकी नींद के साथ…
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परंपरा — सुनीता तिवारी
9 वर्ष की उम्र में ब्याह कर आई नन्दिनी ये भी न जानती थी कि ससुराल क्या होता है।…
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