दशहरा मैदान में हिंदू मेला का आज शुभारंभ, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे उद्घाटन
दशहरा मैदान में हिंदू मेला का आज शुभारंभ, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे उद्घाटन
जयपुर। हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन द्वारा 26 से 30 सितंबर तक आदर्शनगर के दशहरा मैदान में आयोजित होने वाले हिंदू मेले का आज विधिवत शुभारंभ किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। उनके साथ शांतिकुंज हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रो-कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या, स्वामी चिदानंद सरस्वती, निंबार्काचार्य श्री श्याम शरण देवाचार्य, और साध्वी ऋतंभरा भी शामिल रहेंगे। उद्घाटन समारोह अपराह्न 4 बजे प्रारंभ होगा।
मेले की तैयारियों को बुधवार रात तक अंतिम रूप दिया गया, जिसमें मुख्य प्रवेश द्वार को हवामहल की प्रतिकृति के रूप में सजाया गया है। मेले में अलग-अलग संस्थाओं को आवंटित किए गए डॉम्स में उनके कार्यों का प्रदर्शन किया जाएगा।
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा ‘सप्त क्रांति’ पर आधारित प्रदर्शनी मेले का प्रमुख आकर्षण होगा, साथ ही पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित 3200 से अधिक पुस्तकों की प्रदर्शनी भी यहां लगाई जाएगी।
समाज सेवा से जुड़ने का उद्देश्य
प्रदेश सचिव सोमकांत शर्मा ने बताया कि इस मेले का मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा समाज में किए जा रहे सेवा कार्यों को प्रस्तुत करना और जनमानस को इन सेवा कार्यों से जोड़ना है। मेले में हिंदू दर्शन को समझाने के साथ ही कई सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। साथ ही पर्यावरण संरक्षण, नारी सम्मान, और देशभक्ति जैसे विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम होंगे।
मुख्य कार्यक्रम
27 सितंबर: कन्या एवं सुहासिनी वंदन, जिसमें 2100 कन्याओं का पूजन किया जाएगा।
28 सितंबर: शिक्षक वंदन, जिसमें 2100 शिक्षकों और गुरुओं का सम्मान किया जाएगा।
29 सितंबर: मातृ-पितृ वंदन, जहां बच्चे अपने माता-पिता का पूजन करेंगे।
30 सितंबर: परमवीर वंदन, जिसमें परमवीर चक्र विजेताओं का सम्मान किया जाएगा। परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
अन्य आकर्षण
मेले के अन्य प्रमुख आकर्षणों में सेवा कार्यों की प्रदर्शनी, विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी, शौर्य मंडपम के माध्यम से भारत की समृद्ध संस्कृति को जानने का अवसर, और लाइव पेंटिंग प्रदर्शनी शामिल हैं। ‘दादी-नानी का घर’ में प्रतिदिन कहानियां और कथाएं सुनाई जाएंगी, जो बच्चों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय होंगी।
इस मेले के माध्यम से समाज को न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, बल्कि समाज सेवा के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई जाएगी।