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हिंदी मेरी प्यारी बोली // उषा शर्मा की कलम से

हिंदी मेरी प्यारी बोली // उषा शर्मा की कलम से

हिंदी मेरी प्यारी बोली सबके जीवन में अपनत्व जगाती है हिंदी ,
बह्म चेतना त्रिभुवन का हमको जीवनभर ज्ञान कराती हिंदी ।

परमपिता बह्माजी की बाह्मी लिपि से जन्मी,हमारी ये हिंदी,
हमको ग्रंथों में कहती, सृष्टि की समस्त कहानी प्यारी हिंदी ।

सरस्वती वीणा के झंकारों में झंकृत,मुखरित नाद ही है हिंदी ,
देवों की वाणी संस्कृत,भाषान्तरित संस्कारों में प्रचलित हिंदी।

आओ! स्नेह अपार करें,यही स्नेह सद्गुण का प्रतिबिंब हिंदी ,
विश्व कुटुंब की परिभाषी, मृदु व्यवहार दर्शाती भाषा हिंदी ।

क्यों ना हम निःसंकोच,निर्विघ्नं सभी उपयोग करें प्यारी हिंदी,
सम्पूर्ण राष्ट्र का स्वप्न यही, विश्व में राष्ट्रीय भाषा बनें अब हिंदी ।

हिन्दुस्तान की आन-बान और कहलाती ऊँची शान है हिंदी ,
प्राचीन सभ्यता व भारतीय संस्कृति का अभिमान है हिंदी।

सूर,कबीर,तुलसी,रहीम का,संपूर्ण सृजन सेवा भाव है हिंदी,
जन जीवन में बहती भावों की अभिव्यक्ति, सरिता है हिंदी।

दोहे,छंद,चौपाई, सोरठे व समृद्ध गद्य साहित्य गर्व है हिंदी,
जयशंकर मैथिली प्रेमचंद का अतुलनीय योगदान है हिंदी।

महादेवी मीरा सुभद्राकुमारी जी का अनुपम योगदान है हिंदी,
हरिऔध दिनकर निराला बन रहती मेरी ही पहचान है हिंदी
उषा शर्मा
जामनगर गुजरात

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