डॉ. मधु खंडेलवाल: समाजसेवा और साहित्य की प्रखर ज्योति
डॉ. मधु खंडेलवाल एक ऐसी सुप्रसिद्ध लेखिका हैं, जिनकी कहानियों में जीवन के विविध आयामों को समझने की गहन दृष्टि मिलती है। उनकी लेखनी में मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक समस्याओं का ऐसा चित्रण मिलता है, जो पाठकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ता है। लेखिका होने के साथ-साथ उनका मुख्य उद्देश्य नए रचनाकारों को आगे बढ़ाना और साहित्यिक जगत में उनका मार्गदर्शन करना है। यही कारण है कि तमाम रचनाकार मधु जी को बेहद आदर और स्नेह से देखते हैं।
वर्तमान में, डॉ. मधु खंडेलवाल केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद अजमेर की अध्यक्ष हैं, जहां वह हिंदी भाषा और साहित्य को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनका नेतृत्व परिषद को नई ऊंचाइयों पर ले गया है। साहित्यिक आयोजनों और कार्यशालाओं के माध्यम से वह न केवल लेखकों को मंच प्रदान करती हैं, बल्कि उन्हें समाज की जरूरतों के प्रति जागरूक भी करती हैं।
सिर्फ साहित्यिक क्षेत्र ही नहीं, डॉ. मधु समाज सेवा के कार्यों में भी अग्रणी हैं। उन्होंने आईजी पुलिस के ‘आवाज दो’ कार्यक्रम की कॉर्डिनेटर के रूप में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए काम किया है। साथ ही, अलवर गेट थाना में ‘सुरक्षा सखी’ के रूप में कार्यरत रहते हुए उन्होंने विक्षिप्त और पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। यह उनके समाज के प्रति समर्पण और नारी सशक्तिकरण की दिशा में उनके ठोस प्रयासों को दर्शाता है।
डॉ. मधु खंडेलवाल ने न केवल समाज सेवा और साहित्यिक सेवा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि अजमेर लेखिका मंच की संस्थापिका के रूप में साहित्यकारों को एकजुट करने का कार्य भी किया है। इस मंच के माध्यम से उन्होंने महिलाओं के लेखन को एक नया आयाम दिया और उन्हें अपने विचारों को खुलकर प्रस्तुत करने का मंच प्रदान किया।
उनके द्वारा विक्षिप्त महिलाओं की देखभाल के कार्य को विशेष रूप से सराहा जाता है। इस संवेदनशील पहल में उन्होंने समाज के उस वर्ग की सेवा की है, जो अक्सर उपेक्षित रहता है। उनके प्रयास से ऐसी महिलाओं को न केवल देखभाल और समर्थन मिला, बल्कि समाज में एक सम्मानजनक स्थान भी प्राप्त हुआ।
डॉ. मधु खंडेलवाल का जीवन और कार्य हमें यह सिखाता है कि साहित्य केवल शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक दर्पण है, और लेखन के साथ-साथ समाज सेवा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उनका योगदान साहित्यिक और सामाजिक दोनों ही क्षेत्रों में अद्वितीय है, और वे प्रेरणा का स्रोत हैं।