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हे बजरंगी तेरे भक्तों को // गजानन्द टेलर की कलम से

हे बजरंगी तेरे भक्तों को // गजानन्द टेलर की कलम से

हे बजरंगी तेरे भक्तों को यह क्या रोग हो गया। भक्ति भावना छोड़कर केवल दिखावा रह गया। सच्चे मन से भक्त तेरे दर शीश झुका कर आते हैं। श्री राम शरण में बैठकर तेरा गुणगान गाते हैं। भक्ति का वह भाव इस दुनियां में कहां पर खो गया। दुष्कर्मों और पाखंडों का राज यहां पर हो गया। भक्त तुझे तेरी शक्ति याद दिलाते हैं। श्री राम को हाथ जोड़कर मनचाहा फल पाते हैं। हे केसरी नंदन भक्तों को खुश होकर दर्श दिखाओ ना। पापियों को गदा दिखाकर सही राह पर लाओ ना। आंख दिखाकर गुमराहों को प्रेम से समझाओ ना। भक्तों के संग गजानंद की नैया पार लगाओ ना। जय जय श्री राम जय जय श्री हनुमान।

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