लाल रिबन वाली // सुप्रसिद्ध लेखक व कवि गोपाल कृष्ण मंगला की कलम से

वह मेरी कक्षा की सबसे सुंदर लड़की थी। जब हँसती तो गाल में गड्ढा पड़ जाता। सदा ही अपने बालों में एक लाल रिबन का फूल बनाकर लगाती थी। नाम था सरिता।
“यह मेरी सीट है..मैं इस पर रोज बैठती हूं..तुम जाकर अपनी सीट पर बैठो”उस लाल रिबन वाली लड़की ने रोहन से कहा।
इतने में ही अध्यापिका ने कक्षा में प्रवेश किया।
“यह कैसा शोर है?” मैडम ने कक्षा में घुसते ही पूछा।
“देखिए ना मैडम! मैं रोज इस सीट पर ही बैठती हूं और यह रोहन यहां से उठ ही नहीं रहा”सरिता ने कहा।
“अरे तो क्या हो गया! तुम दोनों ही इस सीट पर बैठ जाओ”।
“नहीं मैडम!मैं इसके साथ नहीं बैठूंगी।”
“तो ठीक है !आज तुम्हें पिछली सीट पर बैठना होगा.. क्योंकि जो पहले आएगा वही अगली सीट पर बैठेगा..कल तुम जल्दी आ जाना और फिर से अगली सीट पर बैठ जाना।”यह सुनकर सरिता का *चेहरा उतर गया और वह पैर पटकती हुई पिछली सीट पर चली गई।
स्कूल से लौटते हुए सरिता और रोहन अपनी अपनी साइकिल से घर लौट रहे थे कि रास्ते में सरिता की साइकिल की चेन उतर गई। बहुत प्रयास के बाद भी उससे चेन न चढ़ी। काले हाथ के निशान गोरे गोरे गालों पर भी लग गए।
रोहन ने देखा तो कहने लगा “लाल रिबन वाली! आज तो काली माई लग रही हो”और पास आकर फौरन ही साइकिल की चैन चढ़ा दी। “अब साइकिल तेज़ मत चलाना नहीं तो फिर से चेन उतर जाएगी। वैसे तुम्हें तुम्हारी घर छोड़ने के बाद ही में अपने घर जाऊंगा। इस प्रकार दोनों में अक्सर नोकझोंक चलती रहती थी। स्कूल की पढ़ाई के बाद रोहन के पापा का तबादला दिल्ली से अंबाला हो गया। आगे की पढ़ाई के बाद रोहन ने आर्मी जॉइन कर ली और सरिता को एक बैंक में नौकरी मिल गई। कुछ समय पहले रोहन की पोस्टिंग भी दिल्ली हो गई थी।
एक दिन रोहन जब बैंक में किसी काम से गया तो वहाँ उसकी मुलाकात सरिता से हो गई। सरिता भी रोहन को देखकर बहुत प्रसन्न हुई। रोहन ने हंसते हुए पूछा “लाल रिबन वाली! शादी-वादी की या नहीं?”
“नहीं रोहन!..एक सड़क दुर्घटना में मेरे पांव की हड्डी टूट गई थी और उसके बाद मैं थोड़ा लंगड़ा कर चलती हूं। शादी के बारे में तो मैं अब सोच भी नहीं सकती। कौन करेगा मुझसे शादी? और तुम अपनी बताओ?”
“मेरी भी शादी अभी नहीं हुई। मुझे तो लाल रिबन वाली लड़की की तलाश थी जो किस्मत से आज मुझे मिल गई। देखना यह है कि वह मुझे अपने साथ सीट पर बिठाती हो या नहीं? रोहन ने उसकी आंखों में झांककर पूछा?
पर रोहन मेरे पैर क बारे में जानते हुए भी…?
ओफओ लाल रिबन वाली! शादी के बाद तुमने कौन सा 400 मीटर की दौड़ में हिस्सा लेना है?
और फिर दोनों खिलखिला कर हँस दिए।जहाँ चाह वहाँ राह।
गोपाल कृष्ण मंगला
दिनांक 21 नवंबर 2021