प्रथम विश्व ध्यान दिवस पर जयपुर में विभिन्न स्थानों पर ध्यान के कार्यक्रम आयोजित
जयपुर। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 दिसंबर को ध्यान दिवस घोषित किए जाने के उपलक्ष्य में शनिवार को प्रथम विश्व ध्यान दिवस पर राजधानी जयपुर में विभिन्न संस्थाओं द्वारा ध्यान के कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन आयोजनों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और ध्यान के महत्व को समझा।
गोविंद देवजी मंदिर में मुख्य आयोजन
गोविंद देवजी मंदिर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मंगला आरती के बाद सर्वमंगलाय सनातन धर्म फाउंडेशन द्वारा ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। योगाचार्य योगी मनीष ने ध्यान करवाते हुए विश्व शांति और समग्र मंगल की प्रार्थना की। बड़ी संख्या में भक्तों ने इस सत्र में भाग लिया और ध्यान का अभ्यास किया।
गायत्री वेदना निवारण केंद्र में ध्यान सत्र
किरण पथ, मानसरोवर स्थित श्री वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केंद्र में दोपहर को ‘ज्योति अवधारणा साधना’ के माध्यम से ध्यान कराया गया। गायत्री महामंत्र के उच्चारण के साथ सूर्य के प्रकाश को आत्मसात करने की भावना से गायत्री परिवार और विद्यार्थियों ने गहन ध्यान का अनुभव किया। इस अवसर पर शांतिकुंज प्रतिनिधि आर.डी. गुप्ता ने कहा कि ध्यान लौकिक और आध्यात्मिक दोनों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। यह आत्मा और परमात्मा के मिलन का मार्ग है और जीवन को संतुलित बनाने का सर्वोत्तम उपाय है।
सहजयोग ट्रस्ट के कार्यक्रम
सहजयोग ट्रस्ट द्वारा मानसरोवर, केंद्रीय विद्यालय नंबर-1 बजाज नगर, गांधीनगर बालिका सुधारगृह, और अन्य स्थानों पर ध्यान सत्र आयोजित किए गए। ट्रस्ट के महासचिव रमेश गुप्ता ने कहा कि ध्यान निर्विचार स्थिति में ले जाकर तनाव और चिंता से मुक्ति प्रदान करता है। उन्होंने परिवारों को मिलकर ध्यान करने की सलाह दी ताकि कठिन समय को आनंदपूर्वक बिताया जा सके।
ब्रह्मा कुमारीज का योगदान
ब्रह्मा कुमारीज ने वैशाली नगर के प्रभु निधि सभागार में सामूहिक ध्यान साधना का आयोजन किया। सुषमा दीदी ने बताया कि ध्यान से आंतरिक खुशी और मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।
अन्य आयोजन
वल्र्ड हेल्थ एंड वैलनेस फस्र्ट के अंतर्गत जवाहर सर्किल पर योगाचार्य ढाकाराम के सान्निध्य में आनंदम योग शिविर आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने ध्यान अभ्यास कर ऊर्जा का अनुभव किया।
ध्यान के लाभों पर जोर
सभी आयोजनों में वक्ताओं ने ध्यान के महत्व और इसके लाभों पर जोर दिया। ध्यान मन को शांत करता है, आत्मनियंत्रण को बढ़ावा देता है और जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से जीने की प्रेरणा देता है।
ध्यान के इन आयोजनों ने जयपुरवासियों को आंतरिक शांति और सशक्तिकरण का अनुभव कराया, और विश्व ध्यान दिवस को सार्थक बनाया।