साहित्यिक संस्था “सुवासितम्” का भव्य आयोजन “काव्य वल्लरी 1.0” दिल्ली में सम्पन्न

नजर इंडिया 24
नई दिल्ली, 21 दिसंबर 2024
साहित्यिक संस्था सुवासितम् ने 21 दिसंबर 2024 को दिल्ली के द्वारका सेक्टर-7 स्थित क्रिएटिव अनलॉक सभागार में “काव्य वल्लरी 1.0” का भव्य आयोजन किया। यह आयोजन साहित्य और कला प्रेमियों के लिए एक यादगार अवसर साबित हुआ, जिसमें देशभर के ख्यातिप्राप्त कवि, साहित्यकार, और कला साधक शामिल हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ
मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कवि लक्ष्मी शंकर बाजपेई ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पश्चात मीनाक्षी भसीन ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध कवयित्री प्रेरणा सिंह ने किया, जिन्होंने अपने प्रभावी शब्दों से पूरे आयोजन को जोड़े रखा।
पुस्तक विमोचन: उम्मीदों के दीप
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कुलदीप कौर की पुस्तक “उम्मीदों के दीप” का विमोचन था। मुख्य अतिथि लक्ष्मी शंकर बाजपेई ने इस काव्य संग्रह की प्रशंसा करते हुए इसे साहित्य के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान बताया और श्रीमती कुलदीप कौर को शुभकामनाएँ दीं।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित साहित्यकार व कवि विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे ,ममता किरण ,सूक्ष्म लता महाजन ,राजिंद्र महाजन,राजेश प्रभाकर,डॉ. कविता मल्होत्राहरि प्रकाश डॉ. अशोक मधुप, डॉ. सी.एम. भगत ,डॉ. गुरविंदर बांगा
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. महेंद्र शर्मा मधुकर ने की।
आमंत्रित रचनाकारों का योगदान
आयोजन में आमंत्रित रचनाकारों ने अपनी कविताओं और रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इन रचनाकारों में शामिल थे:
प्रेम सागर प्रेम, शोभा निमित्त, आशीष द्विवेदी, मीनाक्षी भसीन, कुमार राघव, पूजा भारद्वाज, पूनम मल्होत्रा, प्रेरणा सिंह, पिंकी सिंघल, उषा सिंह, नवीन बग्गा, जितेंद्र पाल सिंह, शुभ्रा पालीवाल, नीलमणि झा, हेमंत अग्रवाल, प्रणव मेहरा, ममता झा रुद्रांशी, संजीव नादान, राजेश श्रीवास्तव, दीपशिखा श्रीवास्तव, उमंग सरीन, अंजू क्वात्रा, देवेन्द्र सिंह, गुलबहार, साधना शर्मा, ऋतु अस्थाना, लोकेश चौधरी, गुरमीत सिंह।
सम्मान समारोह और आयोजन का समापन
सभी आमंत्रित रचनाकारों को अंगवस्त्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संयोजन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अवधेश कनौजिया, मीडिया प्रभारी पंकज चावला, और युवा प्रभारी आकांक्षा ने किया।
अंत में सुवासितम् समूह के राष्ट्रीय संरक्षक शुभेंद्र जायसवाल ने इस भव्य आयोजन के सफल समापन पर सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया और इसे संस्था की एक बड़ी उपलब्धि बताया।
“काव्य वल्लरी 1.0” साहित्यिक क्षेत्र में सुवासितम् संस्था का एक और महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, जिसने साहित्य प्रेमियों के दिलों को छू लिया।