बेटियों ने कर दिखाया बेटों से कम नहीं होने का उदाहरण — सजना सिंह निर्वाण:

नीमकाथाना से विशेष रिपोर्ट
जयपुर नीमकाथाना – आज के दौर में बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। इसका एक अनूठा उदाहरण सजना सिंह निर्वाण ने प्रस्तुत किया है। खेतड़ी तहसील के त्योदा गांव की निवासी सजना सिंह न केवल अपनी माता जी की सेवा एक बेटे से भी अधिक समर्पण के साथ कर रही हैं, बल्कि समाज सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
मातृसेवा में मिसाल
सजना सिंह निर्वाण अपनी माता जी की देखभाल में पूरे दिल से लगी हुई हैं। उनका कहना है कि माता-पिता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। वे अपनी मां की सेवा ऐसे कर रही हैं जैसे कोई पुत्र करता है।
समाज सेवा में योगदान
सजना सिंह समाज सेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। वे गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रही हैं और विधवा महिलाओं को आर्थिक व मानसिक सहयोग प्रदान कर रही हैं। इसके अलावा, वे दीन-दुखियों की सेवा में भी हमेशा तत्पर रहती हैं। उनका एनजीओ खेतड़ी क्षेत्र में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए राहत का बड़ा सहारा बन चुका है।
भविष्य की योजना: वृद्धाश्रम की स्थापना
सजना सिंह का सपना है कि वे एक बड़ा वृद्धाश्रम खोलें, जहां वृद्धजनों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले। वे इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही हैं। उनका मानना है कि वृद्धजनों की सेवा करना ही सच्ची मानवता है।
प्रेरणा का स्रोत
सजना सिंह निर्वाण ने यह साबित कर दिया है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं होतीं। उनकी समर्पण और सेवाभाव समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके कार्य यह संदेश देते हैं कि चाहे महिला हो या पुरुष, माता-पिता की सेवा और समाज सेवा में समान रूप से योगदान देना हर किसी का कर्तव्य है।
सजना सिंह जैसे लोग समाज में बदलाव लाने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि सेवा और समर्पण से ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है।