देवघर पुस्तक मेले में शिव गौरी विवाह भवन और अर्थिंग सोल्यूशन ने किया भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन

सम्पदा ठाकुर / नजर इंडिया 24
देवघर, 22 जनवरी भव्य कवि सम्मेलन काव्याभिषेक के साथ ही देवघर पुस्तक मेले का समापन हो गया। इस मौके पर सभी ने शानदार काव्यपाठ किया। बतौर मुख्य अतिथि देवघर के उपविकास आयुक्त नवीन कुमार ने भी अपनी कुछ मर्मस्पर्शी कविता सुनाई और सभी कवियों का उत्साहवर्धन किया।
अंतरराष्ट्रीय संस्था साहित्योदय के संयोजन में आयोजित भव्य आयोजन में देवघर के अलावे झारखण्ड, बिहार, बंगाल और आसपास के लब्धप्रतिष्ठ कवि, कवयित्री और कलाकारों ने अपनी कविताओं से बाबा बैद्यनाथ का काव्याभिषेक किया। भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास साहित्योदय द्वारा किया गया। बतौर मुख्य स्पोंसर शिवगौरी और अर्थिंग सोल्यूशन ने अपना योगदान दिया।कवि सम्मेलन में मुख्यातिथि उपविकास आयुक्त नवीन कुमार और विशिष्ट अतिथि के तौर पर वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानवर्द्धन मिश्र उपस्थित थे सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सर्वेश्वर दत्त द्वारी ने किया।
सरस्वती वंदना किशोरी भूषण ने किया। कार्यक्रम में अनिल कुमार झा, डॉ शंकर मोहन झा, डॉ प्रियम्बदा मिश्रा, रुणा रश्मि, कवि राजेश पाठक, रामस्वरुप मयूरेश, सुरेंद्र उपाध्याय, डॉ रजनी शर्मा चन्दा, पुष्पा सहाय, भारती कुमारी, सुधा मिश्रा राजस्वी, विष्णुदेव अलबेला, दीपक कुमार, संतोष समर और पंकज प्रियम अपने काव्यरस से सबको सराबोर करते रहे। उन्होंने जोरदार आगाज़ करते हुए *रोक सकता कौन उसको जिस नदी में धार हो तथा तुम्हारे नाम की कविता सुबह से शाम लिखता हूँ* सुनाई और शानदार संचालन किया, उनके अलावे कार्यक्रम का सञ्चालन किशोरी भूषण और रजनी शर्मा चन्दा ने किया। कवियों एवं मुख्य अतिथियों का स्वागत सम्मान शिवगौरी विवाह भवन के प्रबंधक निदेशक एवं वीर रस कवि ऋषभ देव और अर्थिंग सोल्यूशन के प्रबंधक निदेशक के के वर्मा ने किया। सभी रचनाकारों को बाबा बैद्यनाथ काव्यरत्न सम्मान दिया गया।
गौरतलब है कि राष्ट्राचेतना, भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति के प्रति समर्पित साहित्योदय पिछले कई वर्षों से लगातार सक्रिय है और अबतक 4 हजार से अधिक नवोदित, गुमनाम और घरेलू महिला कलमकारों को वैश्विक मंच प्रदान कर चुका है। साहित्योदय के साथ पूरी दुनिया के लाखों रचनाकार पूरे समर्पण भाव से जुड़े हैं। कोरोना काल में देवघर के सेवाधाम में भव्य आयोजन के पश्चात, अयोध्या, वृंदावन, हरिद्वार, रायपुर, रांची, धनबाद, जमशेदपुर, गिरिडीह, क़तर, जर्मनी, कनाडा जयपुर समेत कई स्थलों पर आयोजन कर चुका है। इसके लिए साहित्योदय ने 4 वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना स्थान बनाया है। साहित्योदय द्वारा भारतीय साहित्य को सरल सहज जन भाषा में प्रकाशन भी करने का कार्य हो रहा है। काव्यसागर, शब्द मुसाफिर, कोरोना काल, रुदाली, मालती, पुष्प की अभिलाषा, गोल्डन बुक अखण्ड काव्यार्चन, कृष्णायन, शिवायन, अंगूठे की मौत, लफ्ज़ मुसाफ़िर, सत्य साधना, गङ्गा, मन के अंगना में, कथामाल्य, दोहा दर्पण सहित दर्जनों पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है और अभी गीतायन, कथालोक, किसलय, मन बंजारा, मन सरगम, कुरुक्षेत्र, जिसकी रोटी उसकी भैंस, मुसाफ़िर लफ़्ज़ों का प्रकाशनाधीन है। इसी वर्ष नवम्बर में कुरुक्षेत्र की धरती पर गीतायन महोत्सव आयोजन होना तय है।
अंत में दो मिनट का मौन रखकर प्रियदर्शिनी पुष्पा जी को श्रद्धांजलि सुमन अर्पित की गई। बाबा बैद्यनाथ सबका कल्याण करें।