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जरा सोंचे // लेखिका सुमन झा की कलम

आज हम बात करते हैं एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की ——-
एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स क्या होता है? और क्यों होता है ?
आज के समय में एक कामन प्रचलन चल गया है एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का….. हम सभी जानते हैं की ये अफेयर अनैतिक है लेकिन बावजूद इसके हम इसे अनदेखा कर रहे हैं साथ ही हमारे देश के कानून ने इसकी मंजूरी दे दी है अब क्या ही कहा जाए इस कानून को जो मानव को जंगली बनाने पर उतारू है ।
कितना बड़ा दुर्भाग्य है देश का!आज शादियां टिक नहीं रही है इसके लिए कहीं न कहीं यही कारण मुख्य भूमिका में हैं। टीवी सीरियल भी पीछे नहीं है मसलन स्टार प्लस की “अनुपमा “सीरियल को खूब पसंद किया जा रहा था और है। टीआरपी के लालच में , थोड़े से स्वार्थ के लिए टीवी और फिल्म वाले जो चाहे समाज में परोस दे। मगर देखने वाले तो उसको अपने जीवन से जोड़कर देखने लगते हैं।
तो आइए जानते हैं ये एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर क्यों होता है ?
मेल हो या फीमेल उसकी जिंदगी में कहीं ना कहीं तीन तरह की कमियां होती है….. उनकी ज़िंदगी में या तो इमोशनल कमी होती है या इकोनॉमिकल कमी होती है या फिर फिजिकल कमी होती है।और यह बातें दोनों पर लागू होती है चाहे मेल हो या फीमेल …………….
जब जरा सा कहीं से भी इन तीनों कमियों में से किसी एक की भी सप्लाई मेल या फीमेल दोनों को मिलने की संभावना होती है तो उसका झुकाव अपने आप उस व्यक्ति की तरफ हो ही जाता है ।
ध्यान दें कि एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर में आप पूरी तरह से मैच्योर होते हैं 16 से 17 साल वाले टीन एजर्स लवर्स नहीं होते हैं कि जिनके दिल ज्योंहि मेल या फीमेल को देखा, धड़का और …. प्यार हो गया।
एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में आप न सिर्फ सोच समझकर बल्कि कहे तो फूंक फूंककर कदम बढ़ाते हैं लेकिन मैं यह कहना चाहूंगी कि यहीं आपकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है क्योंकि यह जो तीन कमियां हमने बताई हैं इन कमियों के पूरी होते ही फिर आपका उस पार्टनर से भी मन भर जाता है और बाद में फिर वही चिक चिक शुरू कि– ___वह मुझे समय नहीं दे रहा है या दे रही है वह मेरे पर खर्च नहीं कर रहा है या कर रही है वह मुझे जो शारीरिक सुख देना था नहीं दे रहा है या दे रही है।
बात यहां तक पहुंच जाती है कि उसने मुझे यूज किया है,यूज करके छोड़ दिया है। मैं डिप्रेशन में हूं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि ये एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर आपको सिर्फ मृग मरीचिका की तरह आकर्षित करती है लुभाती है….. बाकी कुछ भी नहीं ……फिर देखा जाये तो इस तरह के अफेयर से आपको मिलता क्या है सुख या खुशी क्षणिक , दिनों का, महीनों का, कुछ सालों का बस…….बाकी कुछ भी नहीं ।
सोशल बदनामी जो होनी होती है होती ही है परिवार का बिखड़ाव तो होना तय है आप एक बुद्धिजीवी हैं पुरुष हो या महिला एक बार गौर करके देखें कि यदि आप एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में है चलिए ठीक है लेकिन जैसे ही आपकी अफेयर वाली बात पत्नी के सामने खुलती है तो पति साफ इन्कार कर जाता है कि–अरे! मैं तो इसको नहीं जानता यह खुद ही मेरे पीछे पड़ी हुई है मैसेज वगैरा करती रहती है बाकी हमारे बीच कुछ नहीं है ………
और अगर यही बात पति के बीच खुलता है तो पत्नी कहती है— मामूली सा मेरा फ्रेंड है और कोई नहीं ….. मै कहती हूं कि जब आपमें सच का बोलने की ताकत नहीं है तो फिर ये अफेयर आपके लिए गंदी गाली के समान है ।
आप खुद सोच कर देखिए क्या आप अपने मनचाहे पर्सन के लिए अपना परिवार, अपने बीवी बच्चे अपना समाज छोड़ सकते हैं……? ठीक इसके विपरीत क्या आप अपने मनचाहे पर्सन के लिए अपना पति अपना बाल बच्चा अपना परिवार अपना समाज छोड़ सकती हैं…….? यदि… नहीं… तो कृपया एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से तौबा कर ले यह केवल मनोरंजन की चीज नहीं है यह आपको विनाश के कगार पर ले जा रहा है इसका अंत केवल और केवल तबाही है और कुछ भी नहीं।
सुमन झा” माहे” गोरखपुर

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