मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, घाटों पर उमड़ा जनसैलाब

अरविंद शर्मा / ब्यूरो चीफ , नजर इंडिया 24
महराजगंज। सनातन धर्म के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं ने आस्था की गंगा में डुबकी लगाई। बुधवार को बैकुंठ धाम स्थित छोटी गंडक और रोहिन नदी के त्रिमुहानी घाट पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। स्नान का क्रम सुबह भोर से ही शुरू हो गया, जो पूरे दिन चलता रहा। श्रद्धालुओं ने परंपरा के अनुसार मंदिरों में पूजा-अर्चना की, दान-पुण्य किया और दीपदान कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया।
घाटों पर आस्था और उल्लास का संगम
मौनी अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों का जल अमृत के समान हो जाता है और स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर मौन व्रत रखकर स्नान और दान करने की भी परंपरा है। मंगलवार की रात से ही श्रद्धालु घाटों पर पहुंचने लगे थे, और बुधवार सुबह सूर्योदय के साथ स्नान-अर्चना का सिलसिला शुरू हो गया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन मुस्तैद

मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिमुहानी और बैकुंठ धाम में मेले का आयोजन भी हुआ, जहां भक्तों के उत्साह को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। मंगलवार को जिलाधिकारी ने घाटों का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया और एसडीएम सदर को सुरक्षा व सुविधा संबंधी निर्देश दिए। घाटों पर रोशनी, मोबाइल शौचालय और गोताखोरों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।

इसके अलावा, महराजगंज के पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार घाटों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया, जिससे श्रद्धालु निर्भय होकर स्नान व पूजन कर सकें।
स्नान, दान और हवन का विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास में प्रतिदिन स्नान और दान अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान कर पुण्य अर्जित किया। घाटों पर हवन और आरती का आयोजन भी हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया।
सभी वर्गों में दिखा धार्मिक उत्साह
मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी में विशेष उत्साह देखा गया। घाटों पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं और पूरा वातावरण “हर हर गंगे” और “ॐ नमः शिवाय” के जयकारों से गूंज उठा।