Uncategorized

श्री सत्य साईं महिला महाविद्यालय स्वशासी NAAC A+ ग्रेड ,भोपाल में “Research methodology ” पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला

 

भोपाल – सी सत्य साई महिला स्वशासी महाविद्यालय, भोपाल में 16 जनवरी 2024 को राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा रिसर्च मैथालॉजी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ .रोहित शर्मा प्राध्यापक एवं डीन रिसर्च सेम ग्लोबल कॉलेज एवं डॉ .मनीष मिश्रा उपस्थित रहे ।
महाविद्यालय की निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह ने नन्हा पौधा भेंट कर स्वागत किया तथा डॉक्टर श्री जी सेठ विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान ने कार्यशाला के स्वरूप और उद्देश्य पर प्रकाश डाला ।
डॉ. अर्चना श्रीवास्तव प्राचार्य श्री सत्य साई महिला महाविद्यालय ने कार्यशाला को सभी के लिए अत्यंत उपयोगी बताया । उन्होंने कहा कि प्रश्न ही शोध को जन्म देते हैं। क्यों ? कैसे? और कब ही आपके रिसर्च की वजह बनते हैं । वर्तमान में रिसर्च में क्या प्रयोग हो रहे हैं और इसमें क्या श्रेष्ठ हो सकता है, उसे जानना अति आवश्यक है। निदेशक डॉ. प्रतिभा सिंह ने अपने आशीर्वचन में कार्यशाला को महत्वपूर्ण बताते हुए महाविद्यालय की गुणवत्ता एवं मूल्यपरक शिक्षा तथा आध्यात्मिक परिवेश की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 का चतुर्थ वर्ष शोध के लिए ही है, जो विद्यार्थियों को एक नई दिशा देता है । उनकी क्षमताओं को विकसित करता है और शोध को लैब से समाज तक ले जानी की जिम्मेदारी शोधार्थियों की है । विद्यार्थी स्वयं का आकलन करें।
तभी इसकी सार्थकता होगी।

विषय विशेषज्ञ डॉ. रोहित शर्मा गेटिंग अप अर्ली की व्याख्या करते हुए अपने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि हर घर में वैज्ञानिक हैं। प्रत्येक व्यक्ति वैज्ञानिक है, शोध का गुण सभी में निहित है ।वर्तमान में सभी क्षेत्रों में रिसर्च की आवश्यकता बनी हुई है क्योंकि यह सभी जगह उपयोगी है।
रिसर्च हेतु सर्वे की विशेष आवश्यकता होती है, पर सर्वे का एक उद्देश्य है। अतः: यह उपयुक्त तरीके से किया जाना चाहिए। तभी सार्थक होगा। उन्होंने सर्वे के तरीके, उद्देश्य एवं उसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।

द्वितीय वक्ता के रूप में डॉ .मनीष मिश्रा ने हाइपोथीसिस (उपकल्पना ) पर अपनी बात रखते हुए कहा कि उपकल्पना परिकल्पना यह शोध की भाषा है। शोध में शोध की भाषा का आना आवश्यक है ।जो रिसर्च आप करें उसके आउट कम्स आने चाहिए । उसका उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए। हाइपोथेसिस रिलेवेंट होनी चाहिए। उन्होंने हाइपोथेसिस की विशेषताओं ,शोध सारांश बीबिलोग्राफी तथा रेफरेंस के बीच के अंतर की बारीकियों पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला का सफल संचालन रिद्धि पाटीदार तथा फिरदोस रहमान बी .ए. चतुर्थ वर्ष ने किया।
कार्यशाला में करियर महाविद्यालय, साधु वासवानी महाविद्यालय, बैरागढ़, दीनदयाल उपाध्याय महाविद्यालय,
बाबूलाल गौर महाविद्यालय,
श्री सत्य साईं महिला महाविद्यालय, भोपाल ,
रवींद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय तथा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राध्यापिकाएं एवं छात्राएं उपस्थित रहीं।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ . वर्षा सक्सेना सह प्राध्यापक रसायन विभाग तथा शिवानी चौधरी ने किया

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!