Uncategorized

दुख के प्रति प्यार क्यों // लेखिका अलका बलूनी पंत

 

१. ख्यालों का क्या है कुछ भी आते हैं आज का ख्याल दुख पर आया । आपने देखा है … देखा तो होगा ही क्योंकि इसी संसार का हिस्सा हैं , अमूमन लोगों का यही ख्याल होता है यहीं भाव प्रकट करते हैं क्योंकि हम मनुष्य हैं तो ज्यादातर भाव मिलते ही हैं सबके । अब ज्यादा सर्प्राइज नहीं सुनिए क्या ख्याल आया ।

२. जब कोई खुश होता है तो लोगों को जलन हो जाती है , जब कोई खुश हो तो आप उनकी भावनाओं को भी ध्यान नहीं देते पर दुखी होने पर सभी उस के बारे में सोचते हैं ।
उदाहरण से समझते हैं :- जैसे हम फिल्मों में देखते हैं फिल्म का हीरो अगर हीरोइन को खुश रहकर अपने प्रति प्यार नहीं समझा पाता तो वो फिर खुद को चोट लगवा लेता है , फिर हीरोइन को उसपर दया आ जाती है , और प्यार हो जाता है।

३. ऐसे ही जब लोग जीवित होते हैं तो लोग उन्हें नहीं समझते या समझना नहीं चाहते पर जब वो नहीं रहें तो सब उनकी अच्छाई देखने लगते हैं ।
क्यों होता है ऐसा कि लोग खुश इंसान को नहीं समझते , समझने के लिए दुखी होना जरूरी है यहां तक कि बच्चों में भी जो बच्चा कमजोर है ज्यादा प्यार पाता है और जो मजबूत है वो कम प्यार पाता है , अब यहां दया को प्यार कहा जा सकता है। फिर वहीं प्रश्न प्यार पाने के लिए दुखी होना क्यों ज़रूरी होता है?

४. कमजोर को जल्दी संवेदना मिलती है और कमजोर को कमज़ोरी दिखानी भी पड़ती है वरना लोगों को कैसे पता चलेगा । खुश इंसान लोगों को अच्छे लगते हैं पर कहीं न कहीं सब जिंदगी में दुखी होते हैं तो दूसरे की खुशी जलन की वजह भी बन जाती है कि हम इतने खुश क्यों नहीं ।

५. लेकिन एक और बात है अगर आप खुश हो तो आप चाहोगे कि सभी खुश हों , ये हो सकता है कि दूसरे की खुशी आपके बराबर की चाहो आप से ज्यादा नहीं 🙂
पर जो भी हो , इंसानी भावनाएं एक जैसी ही होती हैं ज्यादातर तो किसी को समझने के लिए उसके दुखी होने का इंतजार क्यों किया जाए । खुश रहा जाए , खुशी को बांटा जाए ।

अलका बलूनी पंत

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!