हाय यह ड्रेस कोड वाली शादियां — अनामिका निधि

आजकल की शादियों में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है, जिसे ड्रेसकोड कहा जाता है। यह एक ऐसा नियम है जिसमें शादी में आने वाले मेहमानों को एक विशिष्ट प्रकार के कपड़े पहनने के लिए कहा जाता है।
यह ट्रेंड पहले तो पश्चिमी देशों में शुरू हुआ था, लेकिन अब यह भारत में भी बहुत तेजी से फैल रहा है। लेकिन क्या यह ट्रेंड वाकई में अच्छा है या यह सिर्फ एक और फैशन ट्रेंड है जो लोगों को परेशान कर रहा है?
एक ओर, ड्रेसकोड वाली शादियां एक अच्छा विचार लगता है, क्योंकि इससे शादी में आने वाले मेहमानों को एक समान और सुंदर दिखने में मदद मिलती है। इससे शादी की तस्वीरें भी अच्छी लगती हैं और यह एक यादगार अनुभव बन जाता है।
लेकिन दूसरी ओर, ड्रेसकोड वाली शादियां बहुत से लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गई हैं। कई लोगों को यह नियम पसंद नहीं है, क्योंकि इससे उन्हें अपनी पसंद के कपड़े नहीं पहनने पड़ते हैं। इससे उन्हें असहज महसूस होता है और वे शादी में जाने से पहले ही तनावग्रस्त हो जाते हैं।
इसके अलावा, ड्रेसकोड वाली शादियां बहुत महंगी भी हो सकती हैं। कई लोगों को नए कपड़े खरीदने पड़ते हैं, जो उनके बजट से बाहर हो सकते हैं। इससे उन्हें आर्थिक तनाव हो सकता है और वे शादी में जाने से पहले ही चिंतित हो जाते हैं।
इसलिए, ड्रेसकोड वाली शादियां एक अच्छा विचार लगता है, लेकिन यह सभी लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है। इससे पहले कि आप अपनी शादी में ड्रेसकोड का नियम लागू करें, आपको अपने मेहमानों की पसंद और आर्थिक स्थिति का ध्यान रखना चाहिए।
अनामिका “निधि”