Uncategorized

महँगे रत्नों को ख़रीदने की ज़रूरत नहीं, रत्नों की तरह पेड़ पौधे भी होते हैं लाभदायक

पंडित राम नरेश मिश्र से नजर इंडिया 24 की खास बातचीत

 

अरविंद शर्मा/ ब्यूरो चीफ नजर इंडिया 24

महराजगंज – जब किसी पंडित या कुंडली विशेषज्ञ को अपनी कुंडली दिखाते हैं तो अक्सर देखा गया है कि ग्रहों के शांति के लिए किसी रत्न को पहनने की सलाह कुंडली विशेषज्ञ हमें देते हैं ।लेकिन महँगा रत्न खरीदना हर किसी के लिए संभव नही है।
लेकिन अब परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। पेड़ पौधे बन सकते हैं रत्नों के बेहतर विकल्प और इनका उपयोग करना भी बहुत ही सरल है।बीमारी,शादी विवाह में देरी या दिक्कत,नौकरी में अड़चन है! तो इन सबसे बचने के लिए रत्नों का उपयोग करने की ज़रूरत पड़ती है।लेकिन मंहगा रत्न खरीदना भी आम लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है!
रत्नों के जगह पेड़ पौधे का उपयोग कर के बेहतर लाभ लिया जा सकता है।बिना महँगा रत्न पहने ही ग्रहों की दशा को अपने अनुकूल करने के लिए करें यह उपाय।
अगर सुर्य निम्न कोटि का है तो माणिक पहना जाता है।माणिक के जगह मदार के पेड़ की जड़ सफेद कपड़े में बांध कर हाथों में बांधने से लाभ मिलता है।लड़कियों को बायें हाथ में और लड़कों को दाहिने हाथ में बांधना होता है।
चन्द्रमा का दुष्प्रभाव खत्म करने के लिए मोती पहनने की सलाह दी जाती है। मोती के जगह पलाश के पेड़ का जड़ पूजन स्थल पर बैठ कर सोमवार के दिन हाथ में बांध लेने से चंद्रमा के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। कत्थे (खैर) के पेड़ को किसी गमले मे लगा कर रोज़ जल देने से मंगल ग्रह का दोष दूर हो जाता हैं।मंगल दोष के लिए मूंगा पहनने की जरूरत नहीं पड़ती।अगर किसी जातक के कुंडली मे बुध की दशा खराब हो और मानसिक तनाव,व्यवसाय में घाटा होता हो।तो इसके लिए पन्ना पहनने के बजाय लटजीरा के पेड़ की जड़ बुधवार को सफेद कपड़े में बांध कर हाथ मे बाँध लें लाभ मिलेगा।
शिक्षा ,प्रतिष्ठा,ज्ञान का ग्रह बृहस्पति के परेशानी से बचने के लिए पोखराज की जगह केले की जड़ पीले वस्त्र में बांध कर रोज़ रात को पैर में बांध ले और।सुबह हटा दें लाभ मिलेगा।
शुक्र कमजोर होने पर हीरा पहना जाता है।हीरे के जगह गूलर के पेड़ को गमले मे लगा कर जल देने या तांबे के तावीज़ में इसके जड़ को रख कर पहनने से लाभ मिलता है। शनि की दशा ख़राब होने पर नीलम की जगह शमी के पेड़ की लकड़ी से हवन करें या पेड़ के निचे शाम के समय सूर्यास्त होने के बाद दीपक जलाएँ तो शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिल सकती हैं।राहु की दशा चल रही है तो दूब की घास को तांबे की तावीज़ मे रख कर गले मे पहनें यह बहुत ही लाभकारी होता है। इसके लिए गोमेद पहनने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।
केतु के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए लहसुनिया की अंगूठी के जगह कुश के घास का छल्ला अनामिका अंगुली में पहनने से लाभ प्राप्त होता हैं। इन सब को धारण करने के पहले रत्नों की तरह शुद्धिकरण करने की जरूरत होती हैं।
नजर इंडिया 24 किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता और ना ही समर्थन करता है! इन उपायों के प्रमाणिकता की पुष्टि भी नही करता।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!