महाकुंभ की सच्चाई // श्वेता गर्ग की कलम से

12 वर्षों बाद आया महाकुंभ पर्व स्नान
अमृत बूंदें गिरने से बना ये पावन स्थान
प्रयागराज देवों की भूमि,ये तीर्थ है महान
गंगा यमुना सरस्वती संगम में करों नहान
144 साल बाद,आया है ये शुभ संयोग
मीडिया सबसे कर रही बार-बार ये अनुरोध
श्रद्धा भाव नहीं हर मन में,होड़ लगी हुई आज
हर आदमी भाग रहा, छोड़ अपने सारे काज
फोटो वीडियो रील डाल,सभी हो रहे खूब प्रसन्न
सच्ची भक्ति छोड़ हो रही, अब लोलुपता उत्पन्न
योगी महायोगी नागा अघोरी कर रहें शाही स्नान
योग तपस्या करके गाते वो ईश्वर का गुणगान
टीवी मोबाइल देख देख मन में उपजा है विचार
चाचा मौसी ताऊ जा रहे हम भी चलते हैं इस बार
एक दूजे की देखा देखी जा रहे सभी प्रयाग
त्रिवेणी में गोता लगा जैसे मिट जाएंगे सब पाप
कौन सबसे सुंदर तपस्विनी, कौन है मोनालिसा
किसका रूप है सबसे सुंदर, किस पे क्या-क्या बीता
नागा साध्वी होती कैसी मन में सबके है जिज्ञासा
हमें भी दर्शन हो जाए,जागी सब में यही पिपासा
भीड़ की भगदड़ भेट चढ़ गए जाने कितने जीवन
मीडिया को दिखाने के लिए मिल गया और ईंधन
कहते जो भी मरे यहांँ पर उन्होंने मोक्ष है पाया
क्या हाल होगा उनके घरों का कोई झांक कर आया?
यहाँ एकजुट दिखा सनातन बात है ये भी सच्ची
ऊंँच-नीच का भेद न कोई रीत है ये भी अच्छी
चाहे अमीर चाहे गरीब सब एक घाट करें स्नान
चाहे ब्राह्मण चाहे शूद्र जाति -पाती का ना काम
महाकुंभ पर्व महान, सच्ची श्रद्धा ईश्वर का नाम
महाकुंभ पर्व महान, सच्ची श्रद्धा ईश्वर का नाम
श्वेता गर्ग “स्वाति “