महिला सुरक्षा: समाज की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी – एडवोकेट दीपक शर्मा

जयपुर। महिला सुरक्षा आज भी हमारे समाज के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यह न केवल महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए आवश्यक है, बल्कि सामाजिक न्याय और एकता को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के कारण उन्हें शारीरिक और मानसिक आघात झेलना पड़ता है, जिससे उनका आत्म-सम्मान और स्वतंत्रता प्रभावित होती है।
शिक्षाविद् एवं राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता दीपक शर्मा ने इस गंभीर विषय पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार को महिला अपराधों के खिलाफ कड़े कानून बनाने चाहिए और उनका सख्ती से पालन सुनिश्चित करना चाहिए। इसके अलावा, महिला पुलिस स्टेशन, हेल्पलाइन नंबर और कानूनी जागरूकता अभियानों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि महिलाएं निडर होकर अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें।
उन्होंने समाज की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति सम्मान और सहानुभूति को बढ़ावा देना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। महिलाओं को उनके अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए समर्थन देना आवश्यक है, जिससे वे सुरक्षित और सशक्त महसूस कर सकें।
दीपक शर्मा ने कहा कि महिला सुरक्षा एक जटिल संकट जरूर है, लेकिन इसे हल करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। हर नागरिक को इस विषय पर जागरूक रहना चाहिए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने सभी से अपील की कि वे महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता दें और इस दिशा में सक्रिय रूप से कार्य करें।