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नशे की बढ़ती प्रवृत्ति / लेखिका प्रवीणा सिंह राणा

 

आज समाज में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय बन गई है। युवा वर्ग विशेष रूप से इसके प्रभाव में आ रहा है, जिससे उनका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक जीवन प्रभावित हो रहा है। नशे की लत न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि परिवार और समाज के लिए भी कई समस्याएँ खड़ी कर देती है।

मादक पदार्थों की आसान उपलब्धता, तनाव, गलत संगति और जागरूकता की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। नशा व्यक्ति की निर्णय क्षमता को कमजोर करता है, जिससे अपराध और दुर्घटनाएँ बढ़ती हैं। इसके अलावा, यह आर्थिक रूप से भी परिवार को कमजोर कर देता है।

इस समस्या के समाधान के लिए परिवार, स्कूल और सरकार को मिलकर काम करना होगा। जन जागरूकता अभियान, कड़ी कानूनी कार्रवाई और नशामुक्ति केंद्रों की स्थापना आवश्यक है। युवाओं को खेल-कूद, संगीत और रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न करना भी एक सकारात्मक उपाय हो सकता है। समाज को मिलकर नशामुक्त वातावरण बनाना होगा, ताकि भविष्य की पीढ़ी सुरक्षित और स्वस्थ रह सके।
प्रवीणा सिंह राणा प्रदन्या

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