पत्नी के प्रवचन // लेखक रामसेवक गुप्ता

साथियो,अगर आपको चाय पीने की लत है तो आप स्वंय रसोई घर में चाय बनाकर पीने का शौक मत पालिएगा, क्योंकि आप सुबह उठें,तो पत्नी के हाथों बनी चाय का लुत्फ उठाइए, भूलकर भी खुद चाय बनाने की कदापि गलती मत कीजिए। बर्ना घरवाली आपको इसतरह प्रवचन सुनायेगी।।
१– आपको क्या जरूरत थी,चाय बनाने की,अरे मुझे कहा होता , खामखां आपने तकलीफ उठाई,खुद अपनी सेहत का ध्यान रखें, मुझे तो आप कुछ समझते नहीं हैं, आखिर मैं आपकी अर्धांगिनी हूं भला अपनी परेशानी या शौक मुझसे नहीं कहोगे तो किससे कहोगे।।
२– आपको कोई काम ढंग से आता नहीं है,चाय क्या बनाई,शक्कर की जगह नमक डाल दिया है, बिल्कुल चाय बेकार हो गई है।आप तो अंधे हैं कुछ दिखाई नहीं देता है।अरे मेरे तो भाग्य ही फूट गये,जो आप जैसा निठल्लाआवारा,
अंधा पति मेरे गले में बाप ने बांध दिया।।
३– चाय बनाई है या बीरबल की खिचड़ी आपने,जो इतनी
पतीली को काला कर दिया है,हे रामजी अब कैसे मैं इस पतीली को साफ करूंगी, मैं तो तंग आ चुकी हूं आपकी
नादानियों से, कोई भी कार्य तजुर्बे से नहीं करते हो, बैठे बैठे रोटी तोड़ते हो,और मेरी परेशानियां बढ़ाते हो, मैं तो आपकी ऊटपटांग हरकतों से तंग आ चुकी हूं,अब तो मायके जा रही हूं,आप यहां पर जो मर्जी हो सो कीजिए।।
४– आपने बहुत अच्छा काम किया,जो चाय बनाई है। मेरे तो सिर में दर्द हो रहा है, मेरी नींद ख़राब होती,थोड़ी चाय मुझे दे दीजिए, भगवान आपका भला करें,ऐसा पतिदेव सबको मिले,जो संकट में समाधान बनकर चाय, खाना बनाकर घरवाली की सेवा कर सकता है।।
तो दोस्तो चार प्रकार के पत्नी प्रवचन, आपने सुने हैं,आप खुद तय करें क्या चाय और अन्य कार्य, गृहणी से बिना अनुमति लिए करने चाहिए या नहीं।।
रामसेवक गुप्ता