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राहगीर और किसानों के लिए सिरदर्द बन रहे आवारा पशु

अरविंद शर्मा / ब्यूरो चीफ नजर इंडिया 24

महराजगंज:- आवारा मवेशी इन दिनों राहगीर और किसानों के लिए बड़ी मुसीबत बन गए हैं। ये मवेशी सुबह से रात तक सड़कों पर घूमते रहते हैं,जिससे कई बार दुर्घटनाएँ हो जाती हैं। ज़िला महराजगंज और कुशीनगर के ग्रामीण और शहरी इलाक़ों में आवारा पशुओं की संख्या बहुत ज़्यादा हो गई है, जिससे स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

आवारा पशुओं से किसानों के फसलों की बर्बादी और यातायात की दिक़्क़तें उत्पन्न हो रही है,कई बार ये आवारा पशु सड़क पर अचानक से आ जाते हैं जिनको बचाने के चक्कर में वाहन चालक दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं और वाहनों के टक्कर से मवेशी भी घायल होते रहते हैं।
आवारा पशु सड़क के किनारे खड़ी साइकिल और दुपहिया वाहनों को गिरा देते हैं आए दिन बाज़ारों में घुसकर अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं।
-: पशुपालक मवेशियों का रखें ख़्याल
इन आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या के पीछे छोटे पशुपालक और डेरी फार्म ज़िम्मेदार हैं।मवेशियों से हित साधने के बाद पशुपालक उन्हें बेसहारा छोड़ देते हैं। जैसे इन पशुओं से इनका कभी कोई नाता ही न रहा हो,ज़्यादातर पशुपालक गाय की बछिया रख लेते हैं और बछड़ों को जन्म लेने के एक महीने बाद माँ से अलग कर जंगलों के किनारे छोड़ देते हैं, कुछ बछड़े जंगली जानवरों के शिकार हो जाते हैं कुछ बच बचाकर वापस ग्रामीण और शहरी इलाक़ों की ओर आ जातें हैं।

शहर में सुबह शाम दूध निकालने के बाद पशुपालक अपने पशुओं को सड़कों पर घूमने के लिए लावारिस छोड़ दे रहे हैं।
इस समस्या से निपटने के लिए पशुपालकों को अपने मवेशियों पर ध्यान देना होगा।इसके अलावा, संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी इस समस्या का समाधान निकालने के लिए कदम उठाने होंगे।

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