सौदामिनी(कहानी) // लेखिका डॉ इंदु भार्गव

गाँव के किनारे एक छोटा सा कच्चा घर था, जिसमें एक महिला अपने छोटे से बेटे के साथ रहती थी। उसका नाम सौदामिनी था। सौदामिनी बहुत ही प्यारी और मेहनती महिला थी, लेकिन उसके जीवन में बहुत संघर्ष था। उसका पति एक हादसे में मारा गया था, और वह अकेले ही अपने बेटे की परवरिश कर रही थी!!
गाँव वाले अक्सर उसे गरीब और दुर्बल समझते थे, लेकिन सौदामिनी का दिल बहुत बड़ा था। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थी, चाहे उसे कितनी भी कठिनाइयों का सामना करना पड़े। हर सुबह वह अपने खेतों में काम करने जाती और शाम को अपने बेटे को अच्छे से पढ़ाती!!
एक दिन गाँव में एक बड़ी समस्या आ गई। गाँव के तालाब में पानी खत्म हो गया था, और लोग पानी के लिए तरसने लगे थे। सभी ने सौदामिनी से मदद की अपील की, क्योंकि वह एकमात्र ऐसी महिला थी जिसे तालाब के पास जाकर पानी निकालने का तरीका पता था। सौदामिनी ने बिना किसी संकोच के अपनी मदद देने का वादा किया, और अगले दिन वह तालाब की ओर चल पड़ी!!
वह दिन और रात मेहनत करती रही, और कुछ ही दिनों में तालाब से पानी निकालने का रास्ता साफ हो गया। गाँववालों ने सौदामिनी के साहस और समर्पण को देखकर उसकी बहुत तारीफ की। उसकी मेहनत और जज़्बे ने उसे गाँव में आदर्श बना दिया!!
कुछ समय बाद, गाँव के प्रधान ने उसे सम्मानित करने के लिए एक समारोह आयोजित किया। सभी लोग वहाँ जुटे थे, सौदामिनी ने अपने बेटे की आँखों में गर्व सम्मान और प्रेम देखा, वही उसे सबसे बड़ा पुरस्कार लगा!!
आज सौदामिनी खुद को दुनिया की सब से अमीर महिला समझ रही थी, उस की दौलत बेटे की आँखों मे गर्व और गांव वालों के चेहरे की खुशी मात्र थी!!
डॉ इंदु भार्गव जयपुर