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चैत्र माह की शीतला अष्टमी — अनामिका दुबे

 

चैत्र माह की शीतला अष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो माता शीतला की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल में आता है।

माता शीतला का महत्व

माता शीतला को चेचक और अन्य त्वचा संबंधी रोगों की देवी माना जाता है। वह अपने भक्तों को इन रोगों से बचाती है और उन्हें स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करती है। माता शीतला की पूजा करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य मिलता है, और वह अपने जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त करता है।

शीतला अष्टमी की पूजा विधि

शीतला अष्टमी की पूजा करने के लिए, लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। इसके बाद, वे माता शीतला की पूजा करते हैं और उन्हें फूल, फल, और मिठाइयाँ चढ़ाते हैं। पूजा के दौरान, लोग माता शीतला की आरती और मंत्रों का जाप करते हैं।

शीतला अष्टमी का महत्व:

शीतला अष्टमी का महत्व इस प्रकार है

यह त्योहार माता शीतला की पूजा के लिए मनाया जाता है, जो चेचक और अन्य त्वचा संबंधी रोगों की देवी हैं।
यह त्योहार स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए मनाया जाता है।
यह त्योहार माता शीतला के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है।

निष्कर्ष

चैत्र माह की शीतला अष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो माता शीतला की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए मनाया जाता है, और यह माता शीतला के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है।

अनामिका दूबे “निधि”

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