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धर्म की रक्षा के लिए भगवान लेते हैं अवतार — आचार्य पंडित चंद्र प्रकाश शास्त्री

 

जयपुर / चौमू -श्रीमद् भागवत कथा रस महोत्सव में श्रद्धा और भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिला। इस दिव्य आयोजन में कथा वाचक आचार्य पंडित चंद्र प्रकाश शास्त्री जी ने व्यास पीठ पर विराजमान होकर भक्तजनों को आध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति रस का अद्भुत अनुभव कराया।

 

मुख्य यजमान महेंद्र मोहन तिवाडी एवं इंदिरा देवी तिवाडी ने विधिवत पूजन-अर्चन कर व्यास पीठ की आराधना की और कार्यक्रम का शुभारंभ करवाया। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित रहे, जिन्होंने भक्तिपूर्वक कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। कथावाचक आचार्य चंद्र प्रकाश शास्त्री जी ने अपनी ओजस्वी वाणी में सृष्टि की उत्पत्ति, भगवान के विभिन्न अवतारों और प्रहलाद चरित्र का विस्तृत वर्णन किया।

 

उन्होंने समझाया कि किस प्रकार भगवान विष्णु ने समय-समय पर धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिए और भक्तों का कल्याण किया। प्रहलाद चरित्र के माध्यम से उन्होंने भगवान की भक्ति की महिमा बताते हुए कहा कि सच्चे भक्त को किसी भी परिस्थिति में ईश्वर का नाम नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि प्रभु अपने भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं। कथा के दौरान जब भगवान नृसिंह अवतार का प्रसंग आया, तो पूरा पंडाल “नृसिंह भगवान की जय” के उद्घोष से गूंज उठा। श्रद्धालु भाव-विभोर होकर कथा में लीन हो गए और भक्ति रस में सराबोर हो गए।

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